मैं अपनी मानसिक बीमारी किसी को बताने से झिझकती थी
लेखक: प्रीती नहार उप-शीर्षक: मेरे सामने सबसे बड़ी झिझक ये थी कि मैं थेरेपिस्ट को अपने मन की सब बातें कैसे बता पाउंगी। थेरेपिस्ट तो अनजान होते हैं। हम उन्हें जानते नहीं तो मैं कैसे उनसे बात कर पाउंगी। मगर चिकित्सक से मिलने के बाद मेरी ये गलतफहमी दूर हो गयी —————————————- मेरा नाम शिंवागी …
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