लेखक: Admin
उपशीर्षक: निक युजिकिक जब पैदा हुए थे, तो बहुत कम लोगों में पाए जाने वाले ट्रेटा एमेलिया सिंड्रोम का शिकार थे। ऐसे लोगों के पास जन्म से ही हाथ और पैर जैसे सबसे जरुरी अंग नहीं होते। आत्महत्या तक की कोशिश कर चुके निक अपने दिमाग की सकारात्मकता के कारण दुनिया के लिए एक प्रेरणादायक स्पीकर बन गए हैं।
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बिना हाथ-पैर के जीवन कैसा होता है आप सोच सकते हैं। इन दोनों अंगों के बिना किसी इंसान को दुनिया बहुत असहाय और जीवन भर किसी बोझ की तरह ही मानती है, लेकिन शायद ही कोई सोच सकता हो कि ऐसा कोई शख्स मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हताश, निराश लोगों को प्रेरणा देते हुए उनको ही उनकी मानसिक समस्याओं के बोझ से मुक्त करवाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। इतना की एक नामी प्रेरक वक्ता बन जीवन जीने की कला लोगों को सिखा सकता है। जबकि कभी खुद के जीवन को बदरंग महसूस कर वो आत्महत्या तक की कोशिश कर चुका था।
हम बात कर रहे हैं ऑस्ट्रेलिया के निक वुजिकिक की जो फिलहाल अमेरिका में रह रहे हैं। निक आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। करीब 40 साल के हो चुके निक बिना हाथ-पैरों के पैदा हुए थे, दुखी थे, निराश थे। आत्महत्या तक की कोशिश कर चुके थे लेकिन बाद में अपने दिमाग की सकारात्मकता के कारण दुनिया के लिए एक प्रेरणादायक स्पीकर बन गए।
कोई काम नहीं कर पाते थे:
निक युजिकिक जब पैदा हुए थे, तो बहुत कम लोगों में पाए जाने वाले ट्रेटा एमेलिया सिंड्रोम का शिकार थे। ऐसे लोगों के पास जन्म से ही हाथ और पैर जैसे सबसे जरुरी अंग नहीं होते। कई बड़े डॉक्टर निकोलस की इस अवस्था को सुधारने में विफल हुए। अपने शरीर के साथ निकोलस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उनके अपने भी उनसे जी चुराने लगे। निक जब 10 साल के थे, तब खुद से हारकर उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की थी।
दिमाग की ताकत से बने अरबपति:
निक जब पैदा हुए थे वो शुरू से सारे काम नहीं कर पाते थे। 17 साल की उम्र होते होते-होते उन्होंने खुद में सकारात्मक विचारों को विकसित किया, बुरे समय के आगे हार नहीं मानी। दिमाग की ताकत को इतना बढ़ाया कि फिर हर काम आसान हो गया। शरीर को संतुलित करना आया, अब निक लिख भी लेते हैं, खेल भी लेते हैं। तैराकी भी कर लेते हैं, तो स्काई डाइविंग जैसे खेलों का भी पूरा लुत्फ उठाते हैं। वो अरबपति की श्रेणी में भी आते हैं और बहुत ही खुशहाल जीवन जीते हैं।
उनकी लिखी हुई कई किताबें हैं। लाइफ विदऑउट लिमिट्स किताब बहुत लोकप्रिय है। उनका एक भरा-पूरा परिवार है। वो अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहते हैं। “लाइफ विदऑउट लिंब्स” नाम का एनजीओ चला लोगों की मदद करते हैं। 46 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं।
डर सबसे बड़ी विकलांगता, तो दिमाग सबसे बड़ी ताकत:
निक ने अपने जीवन में 19 साल की उम्र में पहली बार स्टेज पर भाषण दिया और तब से लेकर अब तक अपने जीवन से जुड़ी प्रेरणादायी घटनाओं के बारे में बता कर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। आज पूरी दुनिया में निक को चाहने वालों की संख्या लाखों में हैं। लोग उनके जीवन से प्रेरित होते हैं। निक का मानना है कि डर सबसे बड़ी विकलांगता है, तो दिमाग सबसे बड़ी ताकत।
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)