लेखक: Admin
उपशीर्षक: यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी स्कूल ऑफ मेडिसिन कोलंबिया के शोधकर्ताओं ने अपने हालिया अध्ययन में दावा किया है कि कोविड-19 निमोनिया के रोगियों में मनोभ्रंश का खतरा बढ़ जाता है
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अध्ययन के मुताबिक कोविड 19 निमोनिया के चलते अस्पताल में भर्ती लोगों में मनोभ्रंश (डिमेंशिया) होने का खतरा किसी अन्य निमोनिया की तुलना में अधिक है। ओपन फोरम इंफेक्शन डिजीज में प्रकाशित इस अध्ययन में 31 जुलाई 2021 के पहले के करीब 140 करोड़ चिकित्सकीय घटनाओं के आंकड़ों को आधार बनाया गया है। अपने इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 24 घंटे के अधिक समय तक निमोनिया पीड़ित रोगियों को शामिल किया। पाया गया कि कोविड-19 निमोनिया के मरीजों में भूलने के लक्षण विकसित हो चुके थे।
10,403 में से 263 यानी कि 2.5 प्रतिशत (अन्य निमोनिया) से पीड़ित मरीजों की तुलना में कोविड-19 निमोनिया के मरीजों में से 312 यानी कि करीब 3 प्रतिशत में रिकवरी (सही होने) के बाद मनोभ्रंश के नए और शुरुआती लक्षण पाए गए। कोविड 19- मरीजों के बीच संक्रमण और मनोभ्रंश की बीमारी का पता लगाने के बीच औसत समय अंतराल 182 दिन था। इसके अलावा इस अध्ययन में कम समय के लिए अस्पताल में दाखिल हुए केस को ही शामिल किया गया था जिनमें मनोभ्रंश के नए और शुरुआती लक्षण दिखे थे।
प्रमुख शोधकर्ता यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी स्कूल ऑफ मेडिसिन में क्लिनिकल न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर अदनान आई कुरैशी ने बताया कि अध्ययन में 70 वर्ष से अधिक आयु के कोविड-19 निमोनिया रोगियों में मनोभ्रंश का जोखिम ज्यादा था। कुरैशी के अनुसार मुख्य रूप से कोविड-19 संक्रमण से बचे लोगों में देखा जाने वाला मनोभ्रंश का असर उनकी याददाश्त, उनकी कार्य क्षमता पड़ा। हालांकि उनको भाषा, समय और जगह की जानकारी ठीक से याद रही। कुरैशी ने कहा कि लंबी अवधि तक आगे का अध्ययन और साफ तस्वीर प्रदान करेगा इससे कोविड-19 निमोनिया एवं मनोभ्रंश के संबंधों के बीच के कारणों को उजागर करने में मदद मिलेगी।
क्या है कोविड-19 निमोनिया?
कोरोना वायरस जब अनजान कारणों से निमोनिया जैसी बीमारी से सामने आया तो इसके बारे में पता लगाया गया। पता चला कि इस बीमारी का कारण सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस 2 या सार्स कोरोना वायरस-2 है। इसमें शुरुआत में हल्की सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण प्रकट होते हैं। कोविड-19 से संक्रमित लोगों को चार श्रेणियों में बांटा गया। पहली श्रेणी में वे लोग हैं जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखते। दूसरी श्रेणी में वे लोग हैं, जिनमें श्वसन नली के ऊपरी हिस्से में संक्रमण होता है। इसमें संक्रमितों को बुखार, कफ, सिरदर्द या कंजक्टीवाइटिस के लक्षण होते हैं। तीसरी श्रेणी में वह संक्रमित लोग होते हैं, जिनमें निमोनिया जैसे लक्षण होते हैं साथ ही उन्हें अस्पताल में रहना होता है। चौथी श्रेणी के संक्रमितों में निमोनिया जैसी बीमारी का गंभीर रूप दिखता है।
लापरवाह न हों कोरोना से बच कर रहें
देश-दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामलों ने लोगों को एक बार फिर से चिंता में डाल दिया है। हालांकि, सतर्कता और बचाव के उपायों का पालन कर खतरे को कम किया जा सकता है। कोरोना के लक्षण और बचाव के उपाय कुछ इस प्रकार हैं:
लक्षण
- बुखार
- गले में खराश
- सर्दी-जुकाम
- पेट संबंधी गड़बड़ी
- कमजोरी और थकान महसूस होना
बचाव के उपाय:
- लक्षण दिखते ही कोरोना की जांच करवाएं
- घर में ही रहें
- सार्वजनिक स्थानों से दूरी बनाए रखें
- दवाइयों को समय से लेते रहें
- दूसरों के संपर्क में आने से बचें
- शरीर को हाइड्रेटेड रखें, खूब पानी पिएं, इसके अलावा जूस, नारियल पानी, सूप आदि पीते रहें
- संतुलित एवं पोषक आहार का ही सेवन करें
- ऑक्सीजन संतृप्ति जांचते रहें
- मास्क अनिवार्य रूप से पहने
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)