लेखक: Admin
उपशीर्षक: ये तो सभी जानते हैं कि व्यायाम करना हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। लेकिन लोगों को लगता है कि व्यायाम को ज्यादा समय करने से ही फायदा होता होगा। अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप एकदम गलत हैं। एक नई शोध में कहा गया है कि व्यायाम चाहें कम करें या ज्यादा यह हर स्थिति में दिमाग के लिए फायदेमंद ही है।
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व्यायाम करना हमेशा से ही जरूरी बताया गया है। लेकिन भागदौड़ भरी इस जीवन में ज्यादातर लोग यह भूल गए हैं। आधुनिक जीवन शैली में हमने खुद को इतना ज्यादा व्यस्त और थका लिया है कि व्यायाम करने का समय नहीं है। इसका खामियाजा हमें शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर हुए बुरे परिणाम के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
मगर कई लोग व्यायाम इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि उनके पास इसके लिए पर्याप्त समय नहीं होता है। अगर करना भी चाहें तो मन यह कह कर रोक देता है कि थोड़े समय के व्यायाम से कोई फायदा नहीं होगा। कम से कम 1-2 घंटे व्यायाम करना होगा तभी फायदा होगा और इतना तो समय नहीं है इसलिए थोड़े समय का व्यायाम व्यर्थ है। लेकिन इस भ्रम से आपको अब बाहर निकलना होगा।
जर्नल ऑफ इफेक्टिव डिसऑर्डर में एक शोध प्रकाशित हुई है जिसमें कहा गया है कि व्यायाम चिंता के लक्षणों को कम करने में बहुत असरदार होता है। इसके अलावा वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि थोड़े समय का व्यायाम भी हमारे दिमाग के लिए फायदेमंद ही होता है।
इस प्रकार किया गया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने अपनी इस शोध में चिंता से पीड़ित करीब 286 मरीजों को शामिल किया। इन सब की औसतन आयु करीब 40 साल के आसपास थी। इन मरीजों में 70 प्रतिशत महिलाएं थीं। शोध में शामिल मरीजों में से 50 प्रतिशत मरीज ऐसे थे जो पिछले दस साल से चिंता (एंग्जायटी) की गिरफ्त में थे। शोधकर्ताओं ने अपने इस अध्ययन के दौरान सभी मरीजों को दो अलग-अलग समूहों में बांट दिया। इस दौरान शोध के अगले 12 हफ्तों में कुछ लोगों को रोज नियमित रूप से थोड़े समय के लिए केवल हल्के-फुल्के व्यायाम ही करवाए गए, तो वहीं दूसरे समूह के लोगों को भारी व्यायाम करवाए गए। शोधकर्ताओं ने इस दौरान सभी लोगों के शरीर में हो रहे बदलावों पर पैनी नजर रखी। विशेष रूप से दिल की धड़कन पर ध्यान दिया गया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि चाहे लोगों ने व्यायाम कम किया या ज्यादा इसके परिणाम बेहतर ही आए। दोनों ही सूरत में मरीजों की चिंता कम हुई थी। शोधकर्ताओं ने पाया कि व्यायाम की अवधि चाहे कुछ भी हो ये दिमाग को फायदा ही पहुंचता है। इससे मानसिक परेशानियों के लक्षणों में भी कमी आती है। शोध में देखा गया कि आश्चर्यजनक तौर पर व्यायाम ने चिंता के लक्षणों को काफी हद तक कम किया।
अवसाद के लक्षण भी हो सकते हैं दूर
आपको बताते चलें कि इससे पहले भी कुछ अध्ययनों में यह दावा किया जा चुका है कि व्यायाम करने से अवसाद के लक्षणों में भी कमी आती है। हालांकि, अभी तक वैज्ञानिक ये पूरी तरह से तो नहीं समझ पाए हैं कि व्यायाम करने से किस प्रकार से गंभीर से गंभीर मानसिक बीमारियों से परेशान लोगों को फायदा पहुंचता है। इस पर किस्म-किस्म की शोध जारी हैं। मगर इतना तो तय है कि व्यायाम से मानसिक परेशानियों के लक्षणों में कमी आती ही है।
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)