Mental Health

मुक्ताक्षर

तनाव और अवसाद के कारण भी फूल सकता है आपका पेट

लेखक: Admin

उपशीर्षक: बहुत से लोग सोचते हैं कि ब्लोटिंग यानी कि पेट फूलना केवल कब्ज, एसिडिटी या आंतों में गैस के कारण होता है लेकिन यह आधा सच है। कम ही लोग यह जानते हैं की मानसिक बीमारी भी इसका कारण हो सकती है।

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आमतौर पर पेट तब फूलता है जब हमारी आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया भोजन को ठीक प्रकार से पचा नहीं पाते। इसके अलावा नुकसान पहुंचाने वाला खानपान और खराब दिनचर्या भी इसका मुख्य कारण है। जिस प्रकार कब्ज को एक आम समस्या मान लिया जाता है उसी प्रकार पेट फूलने को भी लोग बहुत ही हल्के में लेते हैं। वैसे तो इसको शारीरिक विकार की श्रेणी में रखा जाता है लेकिन ब्लोटिंग का संबंध तनाव से भी है।

तनाव, चिंता या अवसाद में व्यक्ति ईटिंग डिसआर्डर का शिकार हो जाता है। इस अवस्था में या तो वो बहुत कम खाने लगता है या तो फिर जरूरत से ज्यादा खाता जाता है। भूख के चक्र में आई यह गड़बड़ी धीरे-धीरे व्यक्ति को पेट संबंधी परेशानियां देने लगती है। ब्लोटिंग या पेट फूलना भी इनमें से एक है। कई अध्ययन ये भी बताते हैं कि तनाव, चिंता या अवसाद का शिकार व्यक्ति पोषक खाने से ज्यादा जंक फूड्स का ज्यादा सेवन करने लग जाता है। कई व्यक्ति नशा भी करने लग जाते हैं जिसके कारण उनका पेट फूलने लगता है। तनाव के कारण ही गैस और कब्ज जैसी समस्याएं भी हो जाती है जब आपका पाचन तंत्र भोजन में मौजूद कुछ घटकों को पूरी तरह से तोड़ पाने में असमर्थ हो जाता है। ऐसा होने पर कब्ज भी रहने लग जाती है क्योंकि आंतों में अपचित भोजन अधिक समय तक रहता है, इसलिए इसे फर्मेंट होने में अधिक समय लगता है इस वजह से पेट भी फूला रहता है।

पाचन प्रक्रिया से है तनाव का सीधा संबंध:

गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक कहते हैं कि तनाव का पाचन प्रक्रिया पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में कार्बोहाइड्रेट का अवशोषण भी खराब होने लगता है । इससे लोगों के पाचन तंत्र में मौजूद सहायक बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है। आप देखते होंगे कि अक्सर तनाव या अवसाद पीड़ित का पेट फूला हुआ रहता है। इसे सामान्य ब्लोटिंग की समस्या समझ लोग अनजान रहते हैं। लेकिन तनाव कम होने पर और खानपान सुचारू रखने पर पेट फूलने की समस्या कम होने लगती है।

अस्थिर दिमाग खाना ठीक से नहीं खाने देता:

डॉ अभिषेक के मुताबिक, तनाव और अवसाद से जूझ रहे लोग अक्सर बहुत जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं या खाना खाते समय बातें करते हैं या किसी और चीजों को करने लग जाते हैं जैसे टीवी चैनल बदलना, मोबाइल देखते रहना। वो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि तनाव के कारण उनका दिमाग स्थिर नहीं रह पाता। इसका सीधा असर उनकी पाचन प्रक्रिया पर पड़ता है और ब्लोटिंग की समस्या बनी रहती है। कई बार पेट फूलने की समस्या जरूरत से ज्यादा इंसान को परेशान करने लग जाती है जिसमें चक्कर आना, सिरदर्द रहना आदि भी शामिल है। खाने से पहले या बाद में अत्याधिक पानी पीना भी ब्लोटिंग या पेट फूलने का एक बड़ा कारण है। पाचन संबंधी विकार के चलते भी ऐसा होता है, जैसे लैक्टोज या फ्रुक्टोज असहनशीलता।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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