लेखक: Admin
उपशीर्षक: रक्तचाप बहुत कम हो जाने पर अंग विफलता (ऑर्गन फेल्योर) से लेकर दिल का दौरा पड़ने जैसी खतरनाक स्थिति का सामना आपको करना पड़ सकता है। महिलाएं अक्सर निम्न रक्तचाप का ज्यादा शिकार होती हैं और इसे बहुत हल्के में भी लेती हैं।
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अनियमित दिनचर्या और भागदौड़ भरे इस जीवन में हर कोई तनाव का शिकार नजर आता है। इस तनाव का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर तो असर पड़ता ही है, शरीर में भी कई परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं जो आगे चलकर बड़ी परेशानियों का सबब बन सकती हैं। इनमें से ही एक है निम्न रक्तचाप, यानी की लो ब्लड प्रेशर।
वैसे तो हर बीमारी की जड़ आजकल तनाव ही निकल रहा है। दिल पर भी यह बहुत भारी पड़ रहा है। एक ओर तो उच्च रक्तचाप का कारण बन यह दिल को नुकसान पहुंचा रहा है, तो निम्न रक्तचाप का संबंध भी तनाव से ही है। उच्च रक्तचाप तनाव के कारण हो जाता है ये तो सब जानते और मानते हैं लेकिन निम्न रक्तचाप भी तनाव से होता है कम ही लोग जानते हैं। शायद इसी वजह से इसे हल्के में लेते हैं। लेकिन निम्न रक्तचाप की अनदेखी मौत का भी कारण बन सकती है। इसलिए तनाव को नियंत्रित कर इसे दिल का मर्ज न बनने दें।
हर कोई तनाव से ग्रस्त है यही वजह है कि रक्तचाप में असंतुलन की शिकायत अब सामान्य सी बात हो चुकी है। रक्तचाप की माप 90 और 60 से कम आए तो आपको सचेत होना होगा और तनाव इसके मुख्य कारणों में से एक है ये समझना होगा। रक्तचाप बहुत कम हो जाने पर अंग विफलता (ऑर्गन फेल्योर) से लेकर दिल का दौरा पड़ने जैसी खतरनाक स्थिति का सामना आपको करना पड़ सकता है। महिलाएं अक्सर निम्न रक्तचाप का ज्यादा शिकार होती हैं और इसे बहुत हल्के में भी लेती हैं।
इन कारणों को समझें:
तनाव, चिंता और अवसाद तो मुख्य वजह है ही निम्न रक्तचाप की, इसके अलावा विटामिन बी-12, आयरन की कमी, हार्मोन असंतुलन, डायबिटीज, शरीर में पानी की कमी आदि भी इसके अन्य कारण हो सकते हैं। वैसे इन बीमारियों और कमियों की जड़ भी तनाव से ही जुड़ी होती हैं। जानकारों का कहना है तनाव और चिंता के कारण व्यक्ति भूखा भी रहना शुरू कर देता है जिससे भी निम्न रक्तचाप हो जाता है।
अवसाद को हल्के में न लें:
निम्न रक्तचाप की समस्या ज्यादातर महिलाओं में मिलती है। अवसाद का शिकार भी महिलाएं ज्यादा होती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अवसाद होने की संभावना दोगुना होती है। हार्मोन असंतुलन भी महिलाओं में अधिक होते हैं। फिर भी वो चिंता, तनाव और अवसाद को लेकर जागरूक नहीं हैं। उनकी यह आदत उनको निम्न रक्तचाप का आसानी से शिकार बना देती है।
इस बारे में जनरल फिजिशियन डॉ अभिषेक अवस्थी कहते हैं कि हमारे पास आने वाले मरीजों में निम्न रक्तचाप की समस्या बहुत ही सामान्य है। विभिन्न समस्याओं को लेकर आने वाले मरीजों का रक्तचाप जब जांचा जाता है तो उच्च और निम्न रक्तचाप निकलता ही है। बात करने पर पता चलता है कि ज्यादातर मरीज बहुत अधिक तनाव लेते हैं।
लक्षण:
- हल्की कमजोरी, चक्कर आना, आंखों के आगे अंधेरा छाना, बार-बार प्यास लगना
- चिंता, तनाव, बेचैनी और अवसाद होना
- चिंता होते ही हाथ-पैर कांपना और ऐसा लगना जैसे भीतर में कुछ उड़ा सा जा रहा है।
- नींद ना आना या बहुत अधिक आलस आना
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)