Mental Health

मुक्ताक्षर

महिला या पुरुष किस के मन पर ज्यादा होता है संबंध विच्छेद का असर?

लेखक: Admin

उपशीर्षक: एक आम धारणा है कि ब्रेकअप से महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती हैं। लेकिन यह एक मिथक है

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ब्रेकअप यानी कि संबंध विच्छेद का महिला या पुरुष किस पर अधिक असर होता है? इस सवाल को सुनते ही आपके मन में पहला जवाब आया होगा महिलाओं पर। कहीं न कहीं आप अपनी ओर से ठीक भी हैं क्योंकि अब तक यही धारणा रही है कि ब्रेकअप के बाद महिलाओं के दिल को ज्यादा ठेस पहुंचती है। लेकिन आप गलत हैं जनाब, संबंध विच्छेद से जुड़ी शोध के मुताबिक मामला एकदम ही उल्टा है।

ब्रेकअप के बाद महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों का दिल ज्यादा टूटता है और दिल को अधिक ठेस पहुंचती है। जर्नल ऑफ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप समस्याओं पर लांचेस्टर यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम करीब 1,86,000 लोगों पर अध्ययन के बाद यह शोध प्रस्तुत की है। शोधकर्ताओं ने ऐसे प्रतिभागियों की मनोवैज्ञानिक विशेषताओं का विश्लेषण किया जिन्होंने अपनी रिलेशनशिप की समस्याओं को ऑनलाइन मंच पर पोस्ट किया था। शोधकर्ताओं ने इन समस्याओं का अध्ययन कर रिलेशनशिप में आने वाली सबसे आम समस्याओं की पड़ताल की।

पुरुषों ने दिल टूटने के ज्यादा अनुभव साझा किए:

इस दौरान किसी पुरुष और किसी महिला के बीच भावनात्मक मजबूती पर भी शोध हुई। जिसमें पुरुषों ने महिलाओं की तुलना में दिल टूटने से जुड़े अनुभवों को ज्यादा साझा किया। महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर ब्रेकअप का असर भी तुलनात्मक रूप से काफी गहरा था। इससे पता चला कि ब्रेकअप या अलगाव का पुरुषों पर महिलाओं से ज्यादा असर होता है। वो मानसिक तौर पर महिलाओं से ज्यादा टूट जाते हैं।

 इस बारे में मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता सुनीता बत्रा कहती हैं कि पुरुष भी महिलाओं की तरह रिलेशनशिप में भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं। रिश्तों को लेकर उनके भी अरमान होते हैं और उनकी भी भावनाएं होती हैं। दरअसल, हमेशा से यह परंपरा रही है कि पुरुष अपना दुख नहीं दिखा पाते। हमारे पास कई ऐसे मामले आते हैं जिनमें रिश्ते टूटने के बाद पुरुष फूट-फूट कर रोने भी लगते हैं। वहीं महिलाओं को बड़ी-बड़ी परेशानियां सहन करने की शक्ति कहीं न कहीं आज भी पुरुषों से ज्यादा होती है। आपने देखा होगा कि बड़ी से बड़ी पारिवारिक समस्या को महिलाएं झेल जाती हैं लेकिन पुरुष नहीं। ब्रेकअप के मामले में भी ऐसा ही है।

आत्महत्या की दर में पुरुष आगे:

2019 में 1.39 लाख से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की। जिनमें से 93,061 युवा वयस्क थे। इस साल के बाद से आत्महत्या के मामले और भी तेजी से बढ़े। 2019 में जितनी खुदकुशी की घटनाएं हुईं, जिनमें 67 प्रतिशत युवा वयस्क थे। ब्रेकअप के कारण आत्महत्या के मामलों की संख्या भी अच्छी खासी थी। भारत में पारिवारिक तनाव, खराब रिश्ता या ब्रेकअप की वजह से आत्महत्या करने वाले लोगों की बड़ी संख्या है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि आत्महत्या की सफलता की दर में पुरुष महिलाओं से आगे हैं।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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