लेखक: Admin
उपशीर्षक: ‘ॐ’ का उच्चारण या जप करके तनाव से छुटकारा पाया जा सकता है। उचित मार्गदर्शन में नियमित रूप से इसका अभ्यास किया जाए तो तनाव पास भी नहीं फटक पाता। ॐ जप के दौरान निर्मित कंपन मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को फायदा पहुंचाता है।
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मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए भले ही अब नई-नई दवाएं और तकनीक आजमाई जा रही हों लेकिन वेद-शास्त्रों में ऐसी कई तकनीकें हैं जो मानसिक तनाव को पास ही न फटकने दे। शायद हम ही इनको भूल बैठे हैं। इन्हीं में से एक है ॐ ध्वनि का उच्चारण। जब भी आप यह जप शुरू करते हैं तो आप खुद को शांत और तरोताजा तो महसूस करते ही हैं, मिजाज में अचानक परिवर्तन से भी निजात मिलती है।
मानसिक रोगियों को मिला लाभ
विज्ञान और चिकित्सा परीक्षणों में भी साबित हुआ है कि ॐ उच्चारण मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। ॐ शब्द अ उ, म तथा चंद्र से मिलकर बना है। हजारों वर्ष पुरानी भारतीय विरासत में शामिल ये शब्द सचमुच जादुई है। ॐ शब्द का प्रयोग न केवल धार्मिक आयोजनों में किया जाता है, बल्कि ध्वनि तरंगों पर हुए विभिन्न शोध ये मानने लगे हैं कि यह शब्द लोगों को मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकता है। ॐ शब्द के नियमित उच्चारण मात्र से शरीर में मौजूद सूक्ष्म तत्व जागृत हो जाते हैं। ॐ जप के दौरान निर्मित कंपन मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को फायदा पहुंचाता है। इससे व्यक्ति तरोताजा हो जाता है एवं रोग व तनाव मुक्त हो बेहतरीन जीवन जी सकता है।
‘रिसर्च एंड एक्सपेरिमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस’ के प्रमुख प्रोफेसर जे मार्गन
और उनके सहयोगियों ने तकरीबन सात सालों तक ‘ॐ’ मंत्र के प्रभावों का अध्ययन किया। अध्ययन के लिए उन्होंने मस्तिष्क और हृदय की विभिन्न बीमारियों से पीड़ित 2,500 पुरुषों तथा 2,000 महिलाओं को परीक्षण के दायरे में लिया। इन मरीजों को प्रतिदिन सुबह 6 बजे से 7 बजे तक एक घंटा साफ-स्वच्छ खुले वातावरण में योग्य प्रशिक्षकों द्वारा ʹૐʹ मंत्र का जप करवाया गया। गौरतलब है की इन मरीजों को केवल वे ही दवाइयाँ दी गयीं, जो उनके जीवन को बचाने के लिए जरूरी थीं, बाकी सारी दवाइयाँ बन्द कर दी गयीं मगर फिर भी ʹૐʹ उच्चारण के बाद उनमें आश्चर्यजनक सुप्रभाव दिखा।
सही मार्गदर्शन आवश्यक
योग प्रशिक्षक वरुण शर्मा बताते हैं कि लोग ॐ का उच्चारण तो करते हैं पर जितना फायदा उनको मिलना चाहिए उतना नहीं ले पाते। इसका कारण है कि उनको सही विधि की जानकारी नहीं होती। वह कहते हैं अगर सही मार्गदर्शन में ॐ मंत्र का नियमित तौर पर अभ्यास किया जाए तो शानदार परिणाम सामने आ सकते हैं।
और भी बहुत से फायदे
कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि ॐ का जप तनाव के स्तर को कम करता है और चिंता को दूर भगाता है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हरबर्ट बेन्सन ने ॐ मंत्र के ऊपर जो शोध की थी उसमें यह पाया गया कि मानसिक बीमारियां तो इससे दूर भागती ही हैं, एड्स जैसी बीमारी में भी ॐ का जप फायदेमंद होता है।
गुरमीत चौधरी ले चुके हैं लाभ
टीवी के जाने माने कलाकार गुरमीत चौधरी ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान खुद को कई प्रकार की चिंताओं और तनाव से दूर रखने के लिए ॐ ध्वनि का नियमित अभ्यास किया था। उन्होंने कहा कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान बहुत जरूरी है विशेष रूप से ॐ मंत्र का जप तो सबसे ज्यादा जरूरी है। यह हमें नकारात्मक विचारों, तनाव और मानसिक विकारों से दूर रखता है।