उपशीर्षक: ऐसे मानव संसाधन पेशेवर जिनका प्रशिक्षण सही ढंग से नहीं हुआ है कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर काफी नकारात्मक व्यवहार करते हैं जिससे न
सिर्फ उस कंपनी की उत्पादकता प्रभावित होती है बल्कि ऐसे मानसिक पीड़ित कर्मचारी के साथ न्याय नहीं हो पाता है।
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मानव संसाधन पेशेवरों को अपने पेशे में कई तरह के इंसानी परेशानी से रूबरू होना
पड़ता है। इसमें से एक बड़ी परेशानी है कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के विषय में
जानकारी होना और उचित व्यवहार करना।
ऐसे मानव संसाधन पेशेवर जिनका प्रशिक्षण सही ढंग से नहीं हुआ है कर्मचारियों के
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर काफी नकारात्मक व्यवहार करते हैं जिससे न सिर्फ उस
कंपनी की उत्पादकता प्रभावित होती है बल्कि ऐसे मानसिक पीड़ित कर्मचारी के साथ
न्याय नहीं हो पाता है। ऐसे मानव संसाधन पेशेवर कार्यबल और कंपनी के लिए
नुकसानदेह होते हैं।
यह सोचना कि मानसिक विकार से पीड़ित कर्मचारी उत्पादक नहीं हो सकता गलत है।
हालांकि यह एक जटिल स्थिति की तरह लग सकता है, मानव संसाधन पेशेवर समस्या
को कम करने के लिए कुछ सरल चीजें कर सकते हैं जो उन्हें करना ही चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अधिकांश कलंक गलतफहमी, गलत बयानी और गलत
सूचना के कारण होते हैं। इसलिए मानव संसाधन अधिकारियों में पहला आवश्यक गुण
मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कलंक को खत्म करना और इसके बारे में जागरूकता
बढ़ाना है। इसके लिए सबसे पहले मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे कर्मचारियों की मदद
करने के लिए मानव संसाधन विभाग को बड़े पैमाने पर कार्यबल को शिक्षित करना
चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कलंक और इसके इलाज की उच्च लागत के कारण बहुत से
लोग इलाज कराने में असमर्थ हैं। उन्हें यह भी डर है कि मनोवैज्ञानिक रूप से पीड़ित
होने या इसे स्वीकार करने से उन्हें उनकी नौकरी से निकाल दिया जा सकता है। सच्चाई
तो यह है कि मानसिक विकार एक स्वास्थ्य समस्या है। मस्तिष्क शरीर के किसी भी
अन्य अंग की तरह है। जब यह बीमार होता है, तो इसका इलाज करने की आवश्यकता
होती है जैसे कि बाकी बीमारियों के साथ होता है। यह बात मानव संसाधन अधिकारी को
जानना चाहिए। इसलिए मानव संसाधन विभाग के लिए अपने कर्मचारियों को इन
मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों की मूल बातें सिखाना और इस मिथक को दूर करना
अनिवार्य है।
इसके बाद दूसरे स्तर पर कर्मचारियों को संसाधन उपलब्ध कराने की जरूरत है। यह
बताना महत्वपूर्ण है कि केवल विशेषज्ञ ही मानसिक स्वास्थ्य विकारों का इलाज और
निदान कर सकते हैं, इसलिए उन्हें केवल विशेषज्ञ की ही सलाह लेनी चाहिए। मानव
संसाधन पेशेवर कर्मचारियों को उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर
सकते हैं और घर से काम करने के विकल्प, अन्य लचीले काम के विकल्प और आर्थिक
सहायता से कर्मचारी की उत्पादकता पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
अंत में जो अति महत्वपूर्ण है वह है ऐसे कर्मचारियों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार।
ऐसे व्यक्ति जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव नहीं किये हैं उन्हें पीड़ित की
समस्या को समझना बहुत मुश्किल होता है। इस स्थिति में मानव संसाधन अधिकारियों
को पीड़ित कर्मचारियों से बात करनी चाहिए और समस्या को समझने का प्रयास करना
चाहिए। इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य के साथ संघर्ष करने वाले लोगों के साथ
सहानुभूति के साथ व्यवहार करने की आवश्यकता है। उनकी समस्याओं का समाधान
खोजने का प्रयास करें। बस ध्यान से उनकी बात सुनने से भी बहुत सकारात्मक असर
होता है।
(लेखक एक मानव संसाधन पेशेवर हैं)
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)
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Keywords: कर्मचारियों का मानसिक स्वास्थ्य, मानव संसाधन की अहम भूमिका,
सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार, सकारात्मक असर, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कलंक