लेखक: Admin
उपशीर्षक: मशरूम में एर्गोथियोनिन नामक तत्व पाया जाता है जो कि एक ऐसा एंटी-इंफ्लामेटरी तत्व है जिसे मनुष्य नहीं बना सकता। विशेष रूप से यह केवल मशरूम में ही पाया जाता है। एर्गोथियोनिन का उच्च स्तर तनाव को कम करने में मददगार है।
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मशरूम केवल खाने में ही स्वादिष्ट नहीं होता बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उत्तम होता है। ये विभिन्न प्रकार के विटामिन और मिनरल की कमी पूरी करते हुए हमें शारीरिक मजबूती तो प्रदान करता ही है साथ ही मानसिक विकारों से भी हमारा पीछा छुड़ा सकता है।
पेन स्टेट कॉलेज ऑफ मेडिसीन के शोधकर्ता यह दावा कर चुके हैं कि मशरूम के सेवन से अवसाद से पीड़ित होने की आशंका बहुत कम हो जाती है। शोधकर्ताओं ने तकरीबन 2,400 लोगों के खान-पान और स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि जो लोग मशरूम का सेवन करते हैं, उनमें अवसाद जैसी समस्याओं के लक्षण बहुत कम हो जाते हैं। लगभग एक दशक के इस अध्ययन में सामने आया कि जिन लोगों के खान-पान में मशरूम शामिल नहीं था उन लोगों को अत्याधिक अवसाद झेलना पड़ा। शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन लोगों को तनाव और चिंता रहती है वो अगर मशरूम का सेवन शुरू कर दें तो गंभीर अवसाद उनके पास नहीं फटक सकता।
एंटी–इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर:
मशरूम में एंटी-इंफ्लामेटरी एमिनो एसिड पाया जाता है। यही मुख्य कारण है कि शरीर के अलावा मन को भी दुरुस्त रखता है। मशरूम में एर्गोथियोनिन नामक तत्व पाया जाता है जो कि एक ऐसा एंटी-इंफ्लामेटरी तत्व है जिसे मनुष्य नहीं बना सकता। विशेष रूप से यह केवल मशरूम में ही पाया जाता है। एर्गोथियोनिन का उच्च स्तर तनाव को कम करने में मददगार है।
मस्तिष्क से संपर्क करता तेज:
मशरूम दिमाग के लिए कितना फायदेमंद है इसको लेकर पहले भी कुछ अध्ययन हो चुके हैं जिनमें पाया गया है कि यह मस्तिष्क और न्यूरोन के संपर्क को भी तेज करता है। इससे दिमाग बेहतरीन ढ़ंग से काम करने लग जाता है। मशरूम में सिलोकाइबिन नामक तत्व मस्तिष्क में न्यूरॉन के संपर्क की सक्रियता को 10 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। मशरूम में विटामिन ए, बी और सी भी भरपूर मात्रा में होता हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है।
सिजोफ्रेनिया का जोखिम कम करता:
एक अध्ययन में बताया गया कि मशरूम खाने से सिजोफ्रेनिया का खतरा घट जाता है। यही नहीं मशरूम बायपोलर डिसऑर्डर के जोखिम को भी कम करने में मददगार है।
चिंता को बाय–बाय:
मशरूम (विशेष रूप से सफेद) में पोटेशियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। ऐसे में इसे खाने से शरीर में पोटेशियम की कमी दूर हो जाती है पोटेशियम की कमी से लोगों को चिंता होने लगती हैं। जब वो मशरूम खाते हैं तो चिंता नौ दो ग्यारह होने लग जाती हैं। मशरूम में विटामिन-डी भी खूब होता है इस विटामिन को खुशी का विटामिन भी कहा जाता है और मशरूम इसकी कमी को पूरा करने में सक्षम है।
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)