लेखक: Admin
उपशीर्षक: भारत की 70 प्रतिशत से भी अधिक आबादी तनाव से ग्रसित है इनमें से लगभग 30 से 35 प्रतिशत लोग क्रोध की समस्या से गुजरते हैं। यह क्रोध मानसिक स्वास्थ्य में और अधिक गिरावट लाने के अलावा घरों के विघटन का सबसे बड़ा कारण बन कर उभर रहा है।
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जब भी गुस्सा आता है हमारा काम और ही ज्यादा खराब होता है। अधिक क्रोध आगे चलकर बड़े नुकसान का भी कारण बन जाता है। क्रोध में इंसान आपा खो देता है जिससे उसकी मानसिक अवस्था खराब होने लगती है इसके अलावा घर की खुशहाली भी चली जाती है और घर टूटने के कगार पर आ जाता है।
घरों में करवा रहा अलगाव:
यह सब जानते हुए भी लोग क्रोध को अपना हमसफर बनाकर चल रहे हैं और यह भारत में परिवार टूटने की बड़ी वजह बनकर सामने आ रहा है। परामर्श केंद्र में काम करने वाली परामर्शदात्री प्रतिभा शर्मा बताती हैं कि परिवार विघटन के या परिवार में लोगों के आपसी तालमेल बिगड़ने की बड़ी वजहों में से क्रोध भी एक है। यह लोगों की मानसिक अवस्था को भी पूरी तरह से बिगाड़ देता है। वहीं इस बारे में वकील दिनेश गुप्ता कहते हैं ऐसे मामलों के आने की संख्या हमारे पास सबसे ज्यादा हैं जिनमें पारिवारिक झगड़े और आपसी विवाद की जड़ क्रोध रहता है।
तनाव का एक अस्वस्थ अभिव्यक्ति मार्ग है क्रोध:
2019 में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत की तकरीबन 70 फीसदी से ज्यादा जनसंख्या तनावग्रस्त है। एक अन्य विश्लेषण के अनुसार भारत की तनावग्रस्त जनसंख्या में से लगभग 35 से 30 प्रतिशत लोग क्रोध की समस्या से गुज़रते हैं। वैसे भी क्रोध को तनाव का एक अस्वस्थ अभिव्यक्ति मार्ग बताया जाता है।
क्या कहते हैं आंकड़े:
- कोविड से पहले क्रोध और चिड़चिड़ेपन की समस्या कम थी, पारिवारिक समस्याएं भी कम थी।
- कोविड के बाद क्रोध और चिड़चिड़ेपन की समस्या में 2 से 3 गुना इजाफा हुआ, तो तनाव और पारिवारिक समस्याओं में भी 3 से 4 गुना बढोत्तरी हुई।
खुद पर करना होगा काम:
- सबसे पहले अपने क्रोध को पहचान कर स्वीकार करना होगा कि हां मुझमें क्रोध है। इसके बाद ही उस पर काम किया जा सकता है।
- क्रोध के कारणों पर करना होगा गौर
- ध्यान हटाने की करें कोशिश। जब भी आपको गुस्सा आए आप तुरंत अपना ध्यान लोगों की गतिविधियों या बातों से हटाने की कोशिश करें। किसी अन्य गतिविधि में खुद को व्यस्त कर लें।
- अगर ऐसे लोगों के बीच हैं जिनके कारण आपको गुस्सा आ रहा है तो वहां से हटने की कोशिश करें, साथ ही मन ही मन 100 से 1 तक की उल्टी गिनती बोलें। इससे ध्यान हटेगा और धीरे-धीरे ग़ुस्सा शांत हो जाएगा।
- माइंडफुल गतिविधियां करें। ध्यान और योग का सहारा लें।
- ग़ुस्से का स्तर अधिक बढ़ने पर किसी मनोचिकित्सक से सलाह लेने से न कतराएं
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)