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मुक्ताक्षर

वीडियो गेम बच्चों के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव डालता है

लेखक: Admin

उपशीर्षक: अध्ययन के मुताबिक वीडियो गेम खेलने से ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है।

लेकिन शोधकर्ताओं ने यह भी चेतावनी दी कि वीडियो गेम एक नशे की लत बन सकता  है। साथ ही इससे “इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर” भी हो सकता है जो आगे चलकर मोटापा और खराब दृष्टि जैसी समस्याएं पैदा करता है। इसलिए वीडियो गेम के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं।

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बीते कुछ सालों में वीडियो गेम के प्रति बच्चों का ऐसा रुझान बढ़ा है कि उनको इसके आगे कुछ भी नहीं सूझता। वीडियो गेम की चाहत में कई घंटों वह स्क्रीन से चिपके रहते हैं जिससे आंखों की रोशनी कमजोर होती है। बच्चों की यह आदत उनके माता-पिता के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। लेकिन अब जो शोध आई है वह तो कुछ और ही कह रही है।

नए अध्ययन में पाया गया है कि वीडियो गेम बच्चों के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, इससे ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है। अमेरिका के शोधकर्ताओं ने यह जानने के लिए कि वीडियो गेम बच्चों के दिमाग को कैसे प्रभावित करते हैं 10 से 12 वर्ष की आयु के 5,000 से अधिक बच्चों का साक्षात्कार लिया। परिणाम चौंकाने वाले थे।

ज्यादातर बच्चों ने बताया कि वीडियो गेम खेलने के लिए वह कई घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं। स्क्रीन टाइम के ये नतीजे वैसे तो ज्यादातर पिछले शोध के अनुरूप हैं जैसे आंखों पर दुष्प्रभाव और सामाजिक दूरी। लेकिन इन शोध के नतीजों का विश्लेषण किया तो पाया कि वीडियो गेम खेलने का बुद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। अध्ययन के मुताबिक वीडियो गेम खेलने से ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है।

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में विशेष रूप से बुद्धि पर स्क्रीन टाइम के प्रभाव पर नजर रखी। जिसमें किसी काम पर ध्यान देने एवं कार्य निष्पादन क्षमता, दृश्य-स्थानिक प्रसंस्करण  और कई परीक्षणों पर सीखने की क्षमता का आकलन शामिल था।

बुद्धि का हुआ विकास:

अध्ययन में पाया गया कि दस वर्ष में अधिक वीडियो गेम खेलने वाले बच्चे औसतन उन बच्चों की तुलना में ज्यादा बुद्धिमान नहीं थे जो वीडियो गेम नहीं खेलते थे। मगर दो साल के बाद उनकी बुद्धि में विकास नजर आया। एक बच्चा जो स्क्रीन पर घंटों बिताने के मामले में शीर्ष 17 फीसदी में था, उसने अपने आईक्यू को दो साल में औसत बच्चे की तुलना में करीब 2.5 प्रतिशत से ज्यादा अंक अधिक बढ़ा दिया। वैज्ञानिक इसे बुद्धि पर वीडियो गेम के लाभकारी प्रभाव का प्रमाण  बता रहे हैं।

हालांकि, उनका यह भी कहना है कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कई अन्य मनोवैज्ञानिक पहलू जैसे मानसिक स्वास्थ्य, नींद की गुणवत्ता, शारीरिक व्यायाम आदि पर हमने ध्यान नहीं दिया है। ज्यादा स्क्रीन टाइम से मानसिक स्वास्थ्य और नींद की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है।

शोधकर्ताओं ने यह भी चेतावनी दी कि वीडियो गेम एक नशे की लत बन सकता  है। साथ ही इससे “इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर” भी हो सकता है जो आगे चलकर मोटापा और खराब दृष्टि जैसी समस्याएं पैदा करता है। इसलिए वीडियो गेम के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं।

अभिभावकों को मिलेगा थोड़ा सुकून:

शोधकर्ताओं ने साफ किया है कि असीमित गेमिंग की अनुमति देते वक्त सभी माता-पिता अध्ययन के परिणामों को सबके लिए समान सिफारिश के रूप में कदापि न लें। हां ये जरूर है कि वह अभिभावक जो अपने बच्चों द्वारा अत्याधिक वीडियो गेम खेलने को लेकर चिंतित हैं, थोड़ा तनाव रहित हो सकते हैं ये जानकर कि वीडियो गेम उनके बच्चों को शायद थोड़ा अधिक स्मार्ट बना रहा है।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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