लेखक: Admin
उपशीर्षक: पर्यटन सार्वजनिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। यह अवसाद और मनोभ्रंश (डिमेंशिया) जैसे कई गंभीर मानसिक रोगों से बचाता है।
——————————————————————————
वैसे तो ज्यादातर लोगों को घूमना-फिरना अच्छा लगता है, लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता होता है कि यह शारीरिक के अलावा मानसिक तौर पर भी यह हमें स्वस्थ रख सकता है। एक यूनिवर्सिटी ने इसे एक प्रस्ताव के तौर पर भी प्रस्तुत किया है। पर्यटन के मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले फायदों की जानकारी देते हुए इसे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उपायों में शामिल करने को कहा गया है।
एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी (ईसीयू) के एक नए क्रॉस-डिसिप्लिनरी पेपर का प्रस्ताव है कि अगर हम पर्यटन को देखने का नजरिए बदल दें तो इसका मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत सकारात्मक असर पड़ सकता है। प्रस्ताव के तहत कहा गया है कि पर्यटन को न केवल एक मनोरंजक अनुभव के रूप में लिया जाना चाहिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के रूप में भी इसे समझा जाना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव:
यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर प्रिसिजन हेल्थ और स्कूल ऑफ बिजनेस एंड लॉ ने अपनी शोध में पाया कि छुट्टी पर घूमने जाने पर मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव होता है। पर्यटन के फायदे पर हुई इस शोध के लेखक डॉ जून वेन कहते हैं कि पर्यटन सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए एक अच्छा तरीका है जो कि मनोभ्रंश (डिमेंशिया) जैसे कई गंभीर मानसिक रोगों से बचाता है। इसके अलावा नए वातावरण में यह कई नए अनुभव प्रदान करता है इससे लोगों में संज्ञानात्मक और संवेदी उत्तेजना होती है।
शारीरिक व्यायाम जैसा मिलता है फायदा:
डॉ वेन के मुताबिक, व्यायाम को मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ा गया है और हम देख सकते हैं कि यात्रा में अक्सर शारीरिक गतिविधि में वृद्धि होती है। इसमें हम अधिक चलते हैं, खुश होकर दौड़-भाग और साहसिक गतिविधियों में भी भाग लेते हैं। ऐसा होने से हमारी शारीरिक गतिविधियां तो होती ही हैं हमारी मानसिक सेहत भी सुधरती है जिससे तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा घूमने-फिरने से ताजी हवा और धूप जैसी मूल बातें भी हमें खींच लेती हैं जिससे विटामिन डी और सेरोटोनिन के स्तर में वृद्धि होती है। हमारी नींद का चक्र सुधर जाता है और चिंता एवं तनाव भी दूर भागने लगता है।
पर्यटन के फायदे:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 6.5 प्रतिशत भारतीय आबादी किसी न किसी रूप के गंभीर मानसिक विकार से पीड़ित है। ऐसे में पर्यटन से हम अवसाद से बचे रह सकते हैं।
तनाव तथा चिंता को घटाता:
वैज्ञानिकों का कहना है कि पर्यटन लंबे समय से होने वाले तनाव और चिंता से बाहर निकलने का एक आसान तरीका है। बाहर निकलने और घूमने-फिरने से दिमाग में चल रहे अनियंत्रित विचारों पर विराम लगता है। नई जगहों और नए लोगों से मिलने से व्यक्ति खुद को बेहतर महसूस करता है। उसके शरीर में खुश होने वाला हार्मोन निकलता है जिससे वह अपने तनाव को काफी हद तक भूल जाता है।
दिमाग की क्रियात्मकता बढ़ाता है:
घूमना-फिरना दिमाग की क्रियात्मकता में भी वृद्धि करता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा होता है इससे दिल और दिमाग के साथ-साथ पेट की सेहत भी सही रहती है।
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)