लेखक: Admin
उपशीर्षक: अगर आप बहुत ज्यादा कॉफी पीते हैं तो संभल जाइये। ज्यादा कॉफी पीने से कैफीन रक्त में मिलकर पूरे शरीर में फैल जाता है और दिमाग पर बुरा असर डालता है
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दोस्त आ गए तो कॉफी, बाहर घूमने गए तो कॉफी, ऑफिस का काम कर रहे तो कॉफी, टीवी देख रहे तो कॉफी। ऐसे ही न जाने कितनी बार हम दिन में कॉफी के कप गटक जाते हैं। लेकिन, एक ऐसी शोध सामने आई है जिसको जानने के बाद आप कहेंगे बस अब काफी हुई कॉफी।
जी हां, ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने कुछ दिनों पहले एक चौंकाने वाली शोध का परिणाम पेश किया, जिसके अनुसार रोजाना छह कप से ज्यादा कॉफी पीने से आपकी याददाश्त घट सकती है। साउथ ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की इस शोध के मुताबिक, अगर आप रोजाना छह कप से ज्यादा कॉफी पीते हैं तो इसका सीधा असर आपके दिमाग पर पड़ता है। जिसके फलस्वरूप, ऐसे लोगों में याददाश्त घटने यानी डिमेंशिया होने का खतरा 58 फीसदी तक रहता है।
शोधकर्ताओं ने 37 से 73 वर्ष की आयु वाले 17,702 प्रतिभागियों पर यह अध्ययन किया। इनमें से 53 फीसदी प्रतिभागियों में डिमेंशिया का खतरा अधिक पाया गया, खास बात यह थी यह लोग एक दिन में छह कप से ज्यादा कॉफी पीते थे।
हो सकती हैं गंभीर मानसिक समस्याएं:
शोधकर्ताओं ने लोगों को कैफीन की मात्रा को नियंत्रित करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि अगर लोगों ने पूरे दिन में शरीर में कैफीन की मात्रा को नियंत्रित नहीं किया तो भविष्य में वह गंभीर मानसिक समस्याओं का शिकार बन सकते हैं। यही नहीं, इन लोगों में स्ट्रोक का डर भी बना रहता है।
क्यों खतरनाक है कॉफी का अधिक सेवन?
कॉफी में कैफीन नाम का तत्व पाया जाता है। यह तत्व सीधे दिमाग के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। जब व्यक्ति कॉफी पीता है तो वह खुद को बहुत आराम महसूस करता है। लेकिन, इस तत्व की अत्यधिक मात्रा उलटा असर करती है। तब यही कैफीन दिमाग पर प्रतिकूल असर छोड़ने लगता है। ज्यादा कॉफी पीने से कैफीन रक्त में मिलकर पूरे शरीर में फैल जाता है और दिमाग पर बुरा असर डालता है। जानकारों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को पूरे दिन में 250 से 400 मिग्रा से अधिक कैफीन नहीं लेना चाहिए। इतनी मात्रा दो से तीन 200 मिलीलीटर कप से ही मिल जाती है।
इसके अलावा, शरीर में कैफीन की मात्रा अधिक हो जाने से भूख कम हो जाना, वजन घटना, ठीक से नींद न आना, शरीर में पानी की कमी होना जैसी परेशानियां भी हो जाती हैं। कैफीन का अत्यधिक सेवन उक्त रक्तचाप को भी निमंत्रण देता है जिससे हृदयाघात का खतरा भी बढ़ जाता है।