Mental Health

मुक्ताक्षर

दिमाग से बाहर किए जा सकेंगे अवसाद वाले ख्याल

लेखक: Admin

उपशीर्षक:  सोचिए जरा कितना अच्छा हो अगर अवसाद के विचारों को ही दिमाग से निकाल दिया जाए तो। फिर तो कोई भी अवसाद की गिरफ्त में नहीं रहेगा। ऐसी ही एक तकनीक वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाली है जो अवसाद के ख्यालों को दिमाग से बाहर कर अवसाद से छुटकारा दिला सकती है।

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अवसाद के गंभीर मामलों में ज्ञात उपचारों के बीच एक नवीन तकनीक आजमाई गई है। अवसाद के चंगुल से बाहर निकालने वाली इस तकनीक का नाम है डीप ब्रेन स्टिमुलेशन यानी गहन मस्तिष्क उद्दीपन। इस तकनीक में अवसाद के ख्यालों को दिमाग से निकाला जाता है। इसमें अवसाद पीड़ित के दिमाग में एक यंत्र (डिवाइस) लगाया जाता है जो एक प्रकार के पेसमेकर की तरह है। यह अवसाद के मरीज के दिमाग से बुरे ख्याल को निकाल उसे अवसाद से छुटकारा दिला सकता है। इस तकनीक की मदद से दिमाग को अवसाद का ख्याल निकालने का तरीका मिल जाता है। डीप ब्रेन स्टिमुलेशन तकनीक में मरीज के दिमाग को इलेक्ट्रोड के जरिए झिंझोड़ा जाता है।

पहले मरीज पर प्रयोग सफलः

इस प्रकार के इलाज का प्रयोग कैलिफोर्निया की एक 38 साल की महिला पर पिछले साल किया गया। जिनके उपचार का तमाम ब्यौरा दर्ज किया गया है। ये एक तरह से उपचार के साथ-साथ प्रयोग भी था जिसके नतीजे सकारात्मक पाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गहरे अवसाद ने महिला को उसकी जिंदगी खत्म करने के इरादे की ओर धकेल दिया था। महिला ने अवसाद दूर करने के लिए 20 किस्म की दवाएं और कई उपचार किए। वह न केवल कई महीनों अस्पताल में भर्ती रही बल्कि उसके दिमाग में बिजली के झटके भी दिए गए। नसों की चुंबकीय उपचार भी हुई लेकिन अवसाद के लक्षण बने रहे। अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर उत्तरी कैलिफोर्निया की इस महिला ने बताया, “मेरा जीवन तो कगार पर आ गया था।” पांच साल पहले उनका अवसाद बेहद गंभीर हो गया। इतना कि उनके लिए अकेले रह पाना सुरक्षित नहीं रह गया था। वो अपने माता पिता के पास लौट आई और अपनी नौकरी छोड़ दी।

अलग था महिला का केसः

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में 30 करोड़ से भी अधिक लोग अवसाद की समस्या से ग्रसित हैं। सही समय पर सहायता, समर्थन और उपचार की बदौलत कुछ लोग आत्महत्या की प्रवृत्ति से निजात पाने में सफल रहे हैं। लेकिन, कैलिफोर्निया की महिला के साथ ऐसा नहीं था। वो उन 20-30 फीसदी लोगों में थी जिन्हें सामान्य उपचारों से कोई राहत नहीं मिली।

कैसे लगाया यंत्र (डिवाइस)?

सैन फ्रांसिस्को स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों के एक दल ने महिला की खोपड़ी में सिगरेट के डिब्बे के आकार की एक यंत्र (डिवाइस) लगाई। महिला जून 2020 में एक प्रयोगात्मक अध्ययन में शामिल होने वाली पहली मरीज भी बनीं। यंत्र ने महिला के दिमाग में अवसाद के उभरने वाले लक्षणों की पड़ताल की और मस्तिष्क में विद्युत उद्दीपन पैदा कर अपनी प्रतिक्रिया दी। पाया गया कि इससे दिमाग को अवसाद के ख्याल निकालने में मदद मिली। हालांकि, इस तकनीक को लेकर वैज्ञानिक अभी दो मत में हैं।

गायब हो गए अवसाद के विचारः

इस यंत्र (डिवाइस) ने महिला का दुनिया को देखने का नजरिया बदल दिया। महिला ने बताया, “मुझे याद है कि एक रोज मैं यंत्र (डिवाइस) लगाए घर लौट रही थी। मेरे विचार एकदम बदले हुए थे मन में ख्याल आया कि हे भगवान, अलग-अलग रंगों का क्या नजारा है, क्या उजाला है।” अपने अवसाद की गहराइयों में महिला अपने आसपास अभी तक सिर्फ बुरा ही देखती आई थी।

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