लेखक: Admin
उपशीर्षक: पेट का भी भला दिमाग के सिकुड़ने से क्या कोई संबंध हो सकता है ? इस अध्ययन को पढ़ने के बाद आप खुद ब खुद समझ जाएंगे।
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शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आए दिन कोई न कोई अध्ययन शोधकर्ता करते ही रहते हैं। इनमें से कुछ अध्ययन ऐसे होते हैं जिनके निष्कर्ष जब सामने आते हैं तो उनको जानकर लोग हक्के-बक्के रह जाते हैं और कह उठते हैं ऐसा भी भला हो सकता है क्या?
हाल ही में आए एक अध्ययन को पढ़कर आप भी जरूर चौंक जाएंगे। इस अध्ययन में पेट और दिमाग के बीच के अनोखे संबंध के बारे में खुलासा किया गया है। न्यूरोलॉजी पत्रिका में छपे इस अध्ययन में बताया गया है कि जैसे-जैसे पेट का आकार बढ़ता है, वैसे वैसे दिमाग सिकुड़ने लगता है। इसके परिणाम स्वरूप लोगों में मतिभ्रम यानी की डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। आगे जाकर यह समस्या जी का जंजाल बन सकती है।
35 से 55 जोखिम वाली अवस्था:
इस अध्ययन के मुताबिक, सबसे अधिक जोखिम वाली अवस्था 35 से 55 वर्ष या इसके करीब वाली होती है। अगर इस वर्ष की आयु में लोगों का पेट बढ़ने लग जाए तो उनको बहुत ज्यादा सावधान होना होगा। यही वह आयु है जिसमें मोटापे की चपेट में आए लोगों में डिमेंशिया होने की आशंका तीन गुणा तक बढ़ जाती है।
बाधित होती है मस्तिष्क की प्रक्रिया:
मोटापा बढ़ने से मस्तिष्कीय प्रक्रिया बाधित होती है और इससे दिमाग को कई प्रकार से नुकसान भी पहुंचता है। मोटे लोग व्यायाम भी ठीक से नहीं कर पाते जिससे उनके दिमाग में ऑक्सीजन की मात्रा भी ठीक प्रकार से नहीं पहुंच पाती। ऐसे में चीजों को याद रखना, निर्णय लेना उनसे नहीं हो पाता। दिमाग के संकेतों को ग्रहण करने की क्षमता में भी बाधा उत्पन्न होती है।
इस प्रकार निकाला निष्कर्ष:
न्यूरोलॉजी पत्रिका में छपी इस अध्ययन में करीब 6,000 ब्रितानी नागरिक शामिल हुए थे। इन सभी की उम्र 35 से 55 साल के बीच थी। इन सभी पर लगभग दस सालों में तकरीबन तीन से चार बार सोचने-समझने का परीक्षण किया गया। देखा गया ऐसे लोग जो मोटे थे विशेष रूप से जिनका पेट काफी बड़ा था उनका चयापचय (मेटाबॉलिज्म) भी असंतुलित था, शोध में उन लोगों के सोचने समझने की क्षमता में गिरावट दूसरे के मुकाबले ज्यादा थी। यही नहीं इस दौरान जिन लोगों ने मोटापा दूर किया उनमें डिमेंशिया के लक्षण कम हुए, लेकिन जिनका मोटापा और बढ़ा उनका दिमाग और ही अधिक सिकुड़ा पाया गया।
शोधकर्ताओं का कहना है कि समय रहते बढ़ते मोटापे और बढ़ते पेट पर काबू पाना होगा अन्यथा दिमाग को अत्यधिक नुकसान पहुंच सकता है।
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)