लेखक: Admin
उपशीर्षक: तनाव महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है यह बात कई अध्ययनों में भी साफ हो चुकी है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया है कि स्टेरॉयड लेने के साथ तनाव करने पर गर्भवती महिलाओं में रक्तशर्करा का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ जाता है और कई प्रकार की मानसिक और शारीरिक समस्याएं भी बढ़ जाती हैं।
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तनाव का वैसे तो सभी पर बुरा असर पड़ता है, चाहे वो बच्चा हो, महिला हो या पुरुष। लेकिन, तनाव महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है यह बात कई अध्ययनों में भी साफ हो चुकी है। इसका कारण है महिलाओं के शरीर में होने वाली कई प्रकार की शारीरिक गतिविधियां जो उनके हार्मोन स्त्राव को भी प्रभावित करती हैं। गर्भवती महिलाओं को तनाव और ही ज्यादा मुसीबत में डाल सकता है। इस पर भी अगर किसी कारणवश उनको स्टेरॉयड लेनी पड़ जाए तो तनाव और स्टेरॉयड कोढ़ में खाज का काम कर सकते हैं।
होता है बुरा असर
अध्ययनकर्ताओं ने पाया है कि स्टेरॉयड लेने के साथ तनाव करने पर गर्भवती महिलाओं में रक्तशर्करा बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। इस पर भी अगर कोई गर्भवती महिला पहले से ही मधुमेह की शिकार हो तो उनके रक्तशर्करा का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ जाता है। इससे उनमें और भी कई प्रकार की मानसिक और शारीरिक समस्याएं बढ़ जाती हैं। कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं पर अध्ययन के बाद यह बात और भी पुख्ता हो गई।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी पाया कि कुछ कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं ने परेशानी बढ़ने पर स्टेरॉयड की अधिक खुराक ली थी। क्योंकि, वो पहले से ही तनाव में थीं इससे उनके शरीर पर बुरा असर हुआ उनमें तनाव का स्तर तो दूर नहीं हुआ बल्कि और ही शारीरिक और मानसिक परेशानियां बढ़ गईं।
घातक रहा तनाव और स्टेयरॉयड की जोड़ी
चिकित्सक यह मानते हैं कि महिला मधुमेय मरीजों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन(यूटीआई) होने की आशंका मधुमेय पीड़ित पुरुषों से बहुत अधिक होती है। ऐसे में संक्रमण होने पर मूत्र में जलन होने के अलावा बार-बार मूत्र के लिए जाना पड़ता है। मरीज को बुखार और पीठ दर्द की शिकायत भी होती है। इसके अलावा स्टेरॉयड लेने पर महिलाओं का वजन भी बढ़ने लगता है।
कुछ मामले में कोविड होने पर 10 दिनों तक स्टेरॉयड देने की बात कही गई यहां तक तो ठीक था लेकिन शोध में खुलासा हुआ कि कुछ महिलाओं ने मनमाने तरीके से स्टेरॉयड ली। तनाव में तो वो पहले से ही थीं और डरी हुईं भी इसलिए स्टेयरॉयड लेती रहीं। ऐसे में उनमें कई शारीरिक बीमारियां पैदा हो गईं। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा दिक्कतें आईं। तनाव और लंबे समय तक स्टेरॉयड लेने से दिल से जुड़ी समस्याओं के होने का खतरा भी उनमें बढ़ गया।
इन लक्षणों से हो जाएं सावधान
- भूख ज्यादा लगने लगी हो और वजन बढ़ रहा हो
- त्वचा में बदलाव आ रहा हो
- गुस्सा, भय, चिंता, तनाव और अवसाद के कारण व्यवहार में बदलाव आ रहा हो
- नींद न आने की समस्या बढ़ रही हो
ये काम करें
- रक्तशर्करा को निश्चित समय अवधि पर जांच करवाती रहें। एचबीए 1 सी टेस्ट जरूर कराएं। यह पिछले 3 महीने की रक्तशर्करा स्तर की जानकारी देता है। फिजिशियन की सलाह जरूर लें।
- ईसीजी कराते रहें। इससे दिल की सेहत का पता चलेगा। 6 महीने पर जांच कराएं।
- स्टेरॉयड को बिना चिकित्सक की सलाह से न लें
- तनाव और चिंता है तो स्टेरॉयड से दूरी ही बना कर रखें
- प्राकृतिक तरीकों से बीमारियों को दूर करने का प्रयास करें