लेखक: Admin
उपशीर्षक: कई पर्व और त्योहारों में उपवास को विशेष महत्व दिया गया है। यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
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नवरात्र का पावन पर्व शुरू हो रहा है। इस शक्ति भरने वाले त्योहार में लोग मां दुर्गा को प्रसन्न करने और घर-परिवार की सुख-शांति के लिए उपवास रखते हैं। बहुत से लोग नवरात्र के 9 दिनों के दौरान तमाम विधियों से उपवास करते हैं। उपवास करना बहुत जरूरी है। ये आपको न केवल शारीरिक तौर पर, बल्कि मानसिक तौर पर भी फायदा पहुंचाता है।
विज्ञान ने भी माना सही:
विज्ञान भी ये बात मान चुका है कि उपवास रखना शरीर और मन दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। सप्ताह में एक दिन भी उपवास रखने से कई तरह की बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। विशेष रूप से आप दिल की बीमारियों से बचे रहते हैं। उपवास रखने से शरीर का रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) और कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रण में रहता है।
वर्तमान में हम बहुत दूषित और मिलावटी भोजन खा रहे हैं जिससे शरीर में कई सारे विषैले तत्व और गंदगी जमा हो रही है। इसके कारण हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में अगर आप सप्ताह में एक दिन या कुछ दिन केवल जूस या फल लेते हैं तो शरीर से सारे गंदे तत्व निकल जाते हैं और मानसिक तौर पर भी हम खुद को काफी हल्का और ऊर्जावान पाते हैं।
चयापचय (मेटाबॉलिज्म) सुधरने से मन को होता है फायदा:
कई अध्ययनों में साफ हो चुका है कि उपवास रखने से शरीर का चयापचय (मेटाबॉलिज्म) बेहतर होता है। मेटाबॉलिज्म और तनाव का संबंध भी वैज्ञानिक उजागर कर चुके हैं। मेटाबॉलिज्म की रफ्तार धीमी होने से लोग तनाव की चपेट में आ जाते हैं या तनाव होता है तो मेटाबॉलिज्म की रफ्तार धीमी हो जाती है और व्यक्ति गंभीर मानसिक समस्याओं का शिकार हो सकता है। उपवास के चलते विषैले तत्व बाहर निकलने से मेटाबॉलिज्म भी बेहतर हो जाता है जिससे हम तनाव मुक्त हो जाते हैं।
खुश रखने वाले हार्मोन बनते हैं:
उपवास रखने से शरीर में बहुत सारे अच्छे हार्मोन बनते हैं जिनका स्त्राव आमतौर पर रोजाना के विषैले भोजन के कारण कई बार अवरोधित हो जाता है। उपवास के बाद इन हार्मोन के स्राव से हमारा मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो जाता है। उपवास से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। उपवास में हल्की और फलाहार वस्तुएं खाने से अंगों को पाचन में मेहनत नहीं करनी पड़ती। इससे केवल भोजन पचाने में खर्च हो रही ऊर्जा बढ़ती है हम हल्के रहते हैं और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है।
दिमाग करता अच्छे से काम:
तनाव और पेट की बीमारियों का आपस में गहरा संबंध है। उपवास रख पेट संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है। उपवास रखने से दिमाग ज्यादा बेहतर काम करता है अध्ययनों में यह माना जा चुका है। उपवास रखने से दिमाग की सूजन की समस्या कम होती है साथ ही ऑक्सिडेटिव तनाव भी कम होता है और दिमाग बेहतर काम करने लग जाता है। शोध में पाया गया है कि उपवास अल्जाइमर के खतरे को भी काफी हद तक कम कर सकता है। यह भी माना गया है कि उपवास से याददाश्त और एकाग्रता बेहतर होती है।
इच्छाशक्ति होती मजबूत:
ये भी माना जा चुका है कि खाने-पीने की आदतें इच्छाशक्ति को भी प्रभावित करती हैं। इसलिए उपवास रखने से इच्छाशक्ति भी मजबूत होती है।