लेखक: Admin
उपशीर्षक: पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के एक सर्वे के अनुसार धूम्रपान से अवसाद और बेचैनी बढ़ सकती है और यह दवाइयों का 50 फीसदी तक असर भी कम कर सकता है।
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धूम्रपान तथाकथित आधुनिक समाज के लिए जीवन का एक अभिन्न अंग है। चलचित्र (फिल्मों) की बात करें तो ऐसा लगता है कि धूम्रपान मानसिक तनाव से निवारण का सबसे सुलभ उपाय है। अगर आप भी ऐसा ही समझते हैं कि धूम्रपान करने से मानसिक तनाव कम होगा तो आप एकदम गलत हैं। धूम्रपान करने से मानसिक तनाव घटता नहीं, बल्कि और बढ़ जाता है। इसके अलावा धूम्रपान की और ही बुरी लत लग जाती है, सो अलग।
कई सारे अध्ययन बताते हैं कि हकीकत में धूम्रपान करने से तनाव, चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याएं होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। हिब्रू यूनिवर्सिटी, प्रिस्टीन यूनिवर्सिटी और बेलग्रेड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अध्ययन में खुलासा हुआ कि धूम्रपान मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है।
शोध में सर्बियाई यूनिवर्सिटी के तकरीबन दो हजार से अधिक छात्रों पर हुए सर्वेक्षण में सामने आया कि धूम्रपान करने वाले छात्रों में मानसिक तनाव और अवसाद का खतरा, धूम्रपान नहीं करने वाले छात्रों की तुलना में दो से तीन गुना अधिक था। शोध के मुख्य लेखक हागाई लेविन के अनुसार अध्ययन में सबूत के तौर पर सामने आया है कि धूम्रपान और अवसाद में काफी गहरा संबंध है। धूम्रपान हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
बढ़ जाती है बेचैनी:
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के एक सर्वे के अनुसार धूम्रपान से अवसाद और बेचैनी बढ़ सकती है और यह दवाइयों का 50 फीसदी तक असर भी कम कर सकता है। धूम्रपान के धुएं में बहुत ज्यादा हानिकारक रसायन होते हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों के अलावा मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
और ही बुरी लत लग जाती है:
जो लोग तनाव हटाने के लिए धूम्रपान का सहारा लेते हैं वो और ही अधिक धूम्रपान के आदी हो जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर नजर डालें तो केवल 4 से 5 सिगरेट पीने भर से ही सिगरेट की बुरी लत पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सिगरेट पीने वाले करीब 40 फीसदी लोग इसे छोड़ने का प्रयास करते हैं। इनमें से कुछ धूम्रपान छोड़ने में पूरी तरह से विफल रहते हैं और कुछ एक निश्चित समय तक ही इससे पीछा छुड़ा पाते हैं लेकिन बाद में फिर से धूम्रपान शुरू कर देते हैं।
धूम्रपान छोड़ने से बढ़ती मानसिक मजबूती:
लंदन के मॉड्स्ले अस्पताल की मेट्रन मैरी की मानें तो जो लोग धूम्रपान छोड़ देते हैं, उनके मनोदशा में बहुत फर्क आता है और वो मानसिक तौर पर स्वयं को ज्यादा मजबूत महसूस करते हैं।