लेखक: Admin
उपशीर्षक: जापान के अरबपति और फैशन टाइकून युसाकू मेज़ावा ने एक ऐसी स्टार्टअप में निवेश किया है जिसमें इंसानी भावनाओं को समझने और उनका अकेलापन दूर कर उनको खुश करने वाले रोबोट बनाए जा रहे हैं।
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आपको रजनीकांत की फिल्म रोबोट तो याद होगी जो इंसान की भावनाएं समझने लग जाता है। हकीकत में भी अब ऐसे रोबोट बनाने का दावा किया जा रहा है। ये ऐसे रोबोट हैं जो न केवल इंसानों की भावनाएं समझेंगे बल्कि उनका अकेलापन दूर करते हुए उनको भावनात्मक तौर पर खुश रखेंगे।
विज्ञान के इस युग में तरह-तरह के रोबोट बनाए जा रहे हैं। कुछ ऐसे हैं जो इंसान की तरह काम कर सकते हैं तो कुछ हुबहू इंसान की तरह नजर आते हैं। मजे की बात यह है कि अभी तक इंसान इसे एक मशीन की तरह प्रयोग में ला रहा था लेकिन अब शायद वो इतना अकेला होता जा रहा है कि अब उसे भावनात्मक रूप से खुशी प्राप्त करने के लिए रोबोट की जरूरत पड़ रही है। तभी तो वो रोबोट का निर्माण उसकी भावनाओं को समझने और उसका अकेलापन दूर भगाने के लिए कर रहा है।
जापान के अरबपति का दावा
जापान के अरबपति और फैशन टाइकून युसाकू मेज़ावा ने एक ऐसी स्टार्टअप में निवेश किया है जिसमें इंसानी भावनाओं को समझने और उनका अकेलापन दूर कर उनको खुश करने वाले रोबोट बनाए जा रहे हैं। मेज़ावा के अनुसार इन रोबोट की शुरुआती कीमत दो लाख रुपये होगी।
चर्चा में है युसाकू का रोबोट
युसाकू मेज़ावा के बारे में अगर आप नहीं जानते हैं तो हम आपको बता दें कि मेज़ावा वही हैं जो दो साल पहले चाँद पर जाने के लिए एक जीवन साथी की पूरी दुनिया में खोज शुरू करने की घोषणा कर चर्चा में आए थे। अब उन्होंने भावनात्मक सुख देने वाले रोबोट बनाने का दावा कर फिर चर्चा बटोर ली है।
खरीदें या किराए पर लें
मेजावा के मुताबिक ये रोबोट दुखी लोगों का जीवन बदल सकते हैं। फिलहाल यह जापान में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं और जल्द ही जापान के बाहर इनकी बिक्री शुरू हो सकती है। मेजावा ने दावा किया है कि यह रोबोट इंसानों को हमेशा खुश रख सकते हैं। यह इंसानों का अकेलापन दूर कर सकते हैं और लोगों को भावनात्मक रूप से खुशी दे सकते हैं जो उनकी जिंदगी से गायब होती जा रही है। कंपनी के मुताबिक ऐसे रोबोट को 2 लाख रुपये में खरीदा जा सकता है या 6000 रु. के मासिक किराए पर इनको लिया जा सकता है।
कोरोना में सहारा बने थे रोबोट
मेजावा ने जापानी रोबोटिक्स स्टार्टअप ग्रूव एक्स में यह निवेश किया है जो कि ‘लोवोट’ नाम से उत्पाद बनाता है। लोवोट लव और रोबोट को मिलाकर बना है। ग्रूव एक्स कंपनी के मुताबिक, उनके रोबोट कोरोना महामारी के दौरान उन लोगों का सहारा बने थे जो मजबूरी के चलते अपनों से दूर हो चुके थे।
मानसिक रोगियों को करेंगे ठीक
यह रोबोट 50 से अधिक सेंसर से बने हैं जो कि इंसान की हर भावना को समझने में सक्षम हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है । इनका प्रयोग अस्पतालों में मानसिक रूप से परेशान मरीजों को ठीक करने में भी किया जा सकता हैं।
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)