Mental Health

मुक्ताक्षर

झगड़ालू दंपत्तियों को मानसिक परेशानी होने की सम्भावना ज्यादा

लेखक: Admin

उपशीर्षक: शादी की गुणवत्ता और तनाव के बीच गहरा संबंध उजागर हुआ है। ऐसे जोड़े जिनके आपस में संबंध शत्रुतापूर्ण होते हैं उनमें तेजी से नकारात्मक परिवर्तन होते हैं।

——————————————————

वित्त, बच्चे और ससुराल वालों को लेकर लगातार झगड़ा होना वैवाहिक जोड़ों के बीच तनाव को बढ़ा सकती है। ऐसे रिश्तों में मानसिक परेशानी होना स्वाभाविक है। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि ऐसे जोड़े जो एक-दूसरे के प्रति अधिक शत्रुतापूर्ण व्‍यवहार करते हैं उनमें बहुत ज्यादा नकारात्मक परिवर्तन होते हैं। 40 से अधिक विवाहित जोड़ों पर किए गए इस अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने संघर्ष पर चर्चा करने से 24 घंटे पहले और 24 घंटे बाद की अवधि में इन युगलों के शरीर के रसायन विज्ञान में परिवर्तन को मापा।

परेशानी वाले विषयों में पैसा, बच्चे, ससुराल, आपसी मतभेद आदि विषय शामिल थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे जोड़े जिनके परस्पर संबंध शत्रुतापूर्ण और दोषारोपण की स्थिति तक पहुंचे हुए थे उनमें बहुत जल्दी नकारात्मक परिवर्तन हुए और तनाव का स्तर भी बढ़ा। ऐसे जोड़ों में तनाव देने वाला हार्मोन का स्तर बहुत बढ़ा हुआ देखा गया।

तनाव से अवसाद तक:

शोधकर्ताओं ने बताया कि तनाव रक्त को भी प्रभावित कर सकता है। यह आपको अवसाद की दहलीज तक भी पहुंचा सकता है। आपको बता दें कि वैवाहिक जीवन में संघर्ष के दौरान जोड़े कैसे व्यवहार करते हैं और उन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है इस पर कई अध्ययन हो चुके हैं। यह भी पाया गया है कि इस प्रकार के जोड़ों में सूजन से संबंधित समस्या भी बढ़ सकता है जिससे उनके दिमाग पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।

शत्रुतापूर्ण विवाह और अवसाद की दोहरी मार:

शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे युगल जिनका विवाह शत्रुतापूर्ण तो था ही, साथ ही कहीं न कहीं उनमें अवसाद भी था, ऐसे जोड़ों का हाल और भी बुरा था। ऐसी “दोहरी मार” वाले दंपत्तियों में वजन की समस्या संबंधी जोखिम भी होने की संभावनाएं काफी ज्यादा थीं। इसके अलावा उनमें क्रोध और बेचैनी भी बहुत ज्यादा थी। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन जोड़ों में उपापचय (मेटाबॉलिज्म) धीमा था जो समय के साथ वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इससे निष्कर्ष निकला कि संवेदनशील दंपत्तियों की तुलना में, व्यथित और दुखी पति-पत्नी में मानसिक परेशानी के अलावा अधिक वसा भंडारण और हृदय रोग होने के सम्भावना ज्यादा होती है।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

Share on

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *