Mental Health

मुक्ताक्षर

विश्व पृथ्वी दिवस पर तनाव और अवसाद से दूर रहने के लिए हरियाली अपनाने का संकल्प लें

लेखक: Admin

उपशीर्षक: आसपास के पेड़-पौधे आपको मानसिक बीमारियों से उबरने में मदद कर सकते हैं, एक हालिया शोध में यह बात सामने आई है। तो क्यों न हम हरियाली में निवेश कर अपने मानसिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाएं। वैसे भी इस बार पृथ्वी दिवस 2022 की थीम ‘इन्वेस्ट इन अवर प्लानेट’ है।

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पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य का आपस में गहरा संबंध है। यूरोपीय शोधकर्ताओं ने जर्मनी में हाल ही में हुए एक नए अध्ययन में कहा की हरा-भरा वातावरण आपके शारीरिक स्वास्थ्य को तो सुधारता ही है इसके साथ ही यह मानसिक स्वास्थ्‍य को भी बढ़ावा देता है। यह अध्ययन जर्नल नेचर में प्रकाशित हुआ है। यूरोपीय शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में पाया कि ‘आपके आसपास जितने ज्यादा हरे-भरे पेड़-पौधे हैं, आपको उतनी ही कम अवसाद-रोधी दवा (एंटी-डिप्रेस्सेंट्स) लेने की आवश्यकता है।’

इस अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं की टीम ने कुछ क्षेत्रों में पेड़ों की संख्या और निर्धारित अवसाद-रोधी दवा (एंटी-डिप्रेस्सेंट्स) की संख्या के बीच संबंधों की तलाश की। अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना था कि क्या हरियाली मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक तौर से प्रभावित कर सकती है अथवा नहीं।

शोधकर्ताओं ने जर्मनी के लगभग 10,000 निवासियों पर शोध की। इस दौरान उनको दी जाने वाली अवसाद-रोधी दवा (एंटी-डिप्रेस्सेंट्स) और उनके आस-पास लगे पेड़ों की संख्या का तुलनात्मक अध्ययन किया गया। यह देखा गया कि निश्चित रूप से जिनके घरों के करीब 100 मीटर के दायरे में अधिक पेड़ लगे हुए थे उनको अवसाद-रोधी दवा (एंटी-डिप्रेस्सेंट्स) निर्धारित किए जाने की संभावना काफी कम थी उन लोगों की तुलना में जिनके घर के आसपास पेड़-पौधे कम संख्या में लगे थे

विशेष तौर पर यह अध्ययन उनके लिए काफी फायदेमंद है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और मानसिक बीमारियों से निपटने के लिए अधिक रुपये खर्च नहीं कर सकते हैं। इस अध्ययन से यह भी पता चलता है कि आसपास के वातावरण में हरियाली बढ़ाने से सार्वजनिक स्वास्थ्य (पब्लिक हेल्थ) को भी बढ़ावा मिलेगा और मानसिक तनाव को कम करने में भी सहायता मिलेगी।

शहरी क्षेत्रों में विशेष जरूरत:

अध्ययन के प्रमुख लेखक मेलिसा मारसेल के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में ज्यादा पेड़-पौधे लगाना वहां रह रहे निवासियों के तनाव को कम करने का बेहद आसान और किफायती तरीका हो सकता है। यह मानसिक बीमारियों से भी पीछा छुड़ाने में कारगर हो सकता है। मेलिसा के अनुसार हरे-भरे वातावरण से विभिन्न आर्थिक समूहों के बीच स्वास्थ्य असमानताओं रोकने में मदद की जा सकती है। विशेष रूप से मानसिक समस्याओं के लिए तो यह बहुत फायदेमंद है।

मेलिसा कहती हैं पेड़ लगाना धरती के लिए भी अच्छा है। दुनिया अभी भी कोविड से लड़ रही है इसलिए मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए पेड़ लगाने से बेहतर तरीका और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें पूरा यकीन है कि इस शोध से पर्यावरण को भी बढ़ावा मिलेगा। लोग अपने-अपने घरों के आस-पास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएंगे।

पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी ये बातें भी जानें:

  • पांच वर्षों में औसत तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की उच्च दर से जुड़ी है
  • गर्म तापमान से नींद खराब होती है जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का उत्पादन करती है
  • हरियाली भूमंडलीय ऊष्मीकरण (ग्लोबल वार्मिंग) के असर को कम करने में मददगार है

पृथ्वी दिवस का इतिहास:

पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत 1970 में सबसे पहले अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी। 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव की वजह से हादसा हुआ था जिसमें कई लोग आहत हुए। इसके बाद पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का फैसला किया गया और नेल्सन के आह्वान पर 22 अप्रैल को अमेरिका में पृथ्वी दिवस का पहला आयोजन हुआ। तब से प्रतिवर्ष पृथ्वी दिवस मनाया जाने लगा। पृथ्वी दिवस 2022 की थीम ‘इन्वेस्ट इन अवर प्लेनेट’ है।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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