लेखक: Admin
उपशीर्षक: किशोर-किशोरियों में वर्तमान में साथियों का दबाव (पीयर प्रेशर) की बढ़ोतरी देखी जा रही है। छोटे बच्चे भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। इसका रूप इतना गुप्त है कि इसे समझना आसान नहीं होता। समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यह उनमें मानसिक रोग पैदा कर सकता है।
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साथियों का दबाव (पीयर प्रेशर) की कई अवस्थाएं और रूप हैं। पीयर प्रेशर के लक्षण अलग हैं और इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव बच्चों पर पड़ते हैं। लेकिन देखा जा रहा है कि पीयर प्रेशर का नकारात्मक प्रभाव ही ज्यादा है। पीयर प्रेशर वो दबाव है जिसके बारे में बच्चे, किशोर-किशोरियां, माता-पिता और अभिभावक समझ नहीं पाते हैं जिससे पीयर प्रेशर को लेकर ज्यादा जागरूक भी नहीं हो पाते हैं।
पीयर प्रेशर क्या है?
पीयर शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘बराबरी’ करना। यहां हम कह सकते हैं कि बच्चों या किशोरों का किसी दूसरे के साथ बराबरी करना या उन्हीं की तरह दिखने का प्रयास करना पीयर प्रेशर है। जिससे बराबरी की जाती है वो व्यक्ति बच्चे या किशोर-किशोरियों का कोई दोस्त, परिवार का सदस्य या फिर कोई चर्चित हस्ती भी हो सकता है।
पीयर प्रेशर के प्रकार:
मनोवैज्ञानिक इंदु गुप्ता बताती हैं किशोर-किशोरियों में पीयर प्रेशर के कई प्रकार हो सकते हैं।
- सकारात्मक (पॉजिटिव) पीयर प्रेशर: अगर किसी दूसरे की अच्छी आदतों और गुणों से प्रभावित हो कुछ अच्छा करने का प्रयास बच्चा या किशोर-किशोरी करते हैं तो इसे सकारात्मक पीयर प्रेशर के रूप में देखा जा सकता है। इनमें शामिल हैं…
- परीक्षा में अच्छे नंबर लाना।
- दूसरों को सम्मान देना
- दूसरों की सहायता करना
- किसी की देखा देखी कर कोई भी अच्छा कार्य करना।
- अपने गुणों को निखारना
- नकारात्मक (नेगेटिव) पीयर प्रेशर: नकारात्मक पीयर प्रेशर तब होता है, जब किसी दूसरे की बुरी आदतों के प्रति प्रभावित होकर बच्चा या किशोर-किशोरी राह भटक जाते हैं। जैसे:
- मादक पदार्थों का सेवन।
- आत्महत्या का प्रयास।
- दूसरों को दुख देना
- अवगुण धारण करना
- पढ़ाई से जी चुराना
- गलत बातें करना
- सक्रिय पीयर प्रेशर: अगर बच्चे या किशोर-किशोरियों पर उनका ही कोई दोस्त या करीबी उनको किसी भी प्रकार की गतिविधि में शामिल होने या उसके जैसा करने के लिए दबाव बनाए, तो यह सक्रिय पीयर प्रेशर कहलाता है। जैसे:
- खेल-खेल में नशीली वस्तुओं के सेवन का दबाव
- खराब प्रकार से गाड़ी चलाना, तेज रफ्तार में गाड़ी दौड़ाना
- छेड़छाड़ करना
- निष्क्रिय (पैसिव) पीयर प्रेशर: इस प्रकार का पीयर प्रेशर तब होता है, जब बच्चे, किशोर-किशोरी अनजाने में ही अपने दोस्तों के व्यवहार से प्रभावित होकर, खुद भी उनका अनुसरण करने लगें या उनके ही जैसे दिखने का दिखावा करने लगें। इस दौरान प्रभावित व्यक्ति खुद को उस काम में उससे बेहतर होने का भी दावा कर सकता है। इसके अलावा, दोस्तों के साथ किसी समूह का हिस्सा बनने के लिए उस समूह के दोस्तों जैसी आदतों को अपनाना। जैसे:
किसी समूह में फिट होने के लिए जबरन नशीली वस्तुओं का सेवन करना
पीयर प्रेशर में आने के कारण:
- माता-पिता का तलाक, घर के सदस्य का नशीले पदार्थों का सेवन
- लड़ाई-झगड़े और आपसी मनमुटाव
- परिवार के सदस्यों का खुलकर आपस में बातचीत न करना। एक-दूसरे से कटे-कटे रहना। संबंधों में विश्वास की कमी
- परिवार में जातीय, धार्मिक, लैंगिक भेदभाव की सोच होना
- विद्यालयों और सामुदायिक गतिविधियों से दूर रहना और फालतू बातों में समय गुजारना
- हीनता का भाव, खुद को किसी स्थिति में सहज न पाने का डर होना
लक्षण:
यहां लक्षण भी दो प्रकार के हो सकते हैं जिनके आधार पर समझा जा सकता है कि पीयर प्रेशर सही दिशा पर ले जा रहा है या गलत..
सकारात्मक लक्षण:
- बढ़ा हुआ आत्म-सम्मान
- भविष्य के प्रति उसका सकारात्मक रवैया
- बेहतरीन सामाजिक कौशल का विकास
- लोगों से अच्छा व प्रभावशाली संवाद स्थापित कर पाना
- परिवार व रिश्तेदारों से संबंधों में मजबूती
नकारात्मक लक्षण:
- कमजोर आत्मविश्वास
- हीनता भरी बातें
- खुद को ही सही समझना
- किसी की बात न मानना
- गलत तरीके से जवाब देना
- चिड़चिड़ापन
- उदंडता भरा व्यवहार
- बड़ों को जवाब देना, उनसे लड़ना
क्रोध की अधिकता या बात-बात पर झूठ बोलने की आदत हो जाना