लेखक: Admin
उपशीर्षक: मानसून बहुत आकर्षक होता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए इस मौसम की दस्तक उन्हें मानसिक समस्या देना शुरू कर देता है। यह मानसिक समस्या सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारण होता है।
—————————————————————————-
मानसून अधिकतर लोगों को बहुत पसंद आता है, लेकिन यह मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। इनमें सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसी शारीरिक बीमारियां आम हैं, लेकिन कुछ लोगों को इस मौसम में मानसिक बीमारियां भी होने लगती हैं। इसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के रूप में जाना जाता है जिसमें लोग मानसून के मौसम में उदास, परेशान, चिंतित और तनावग्रस्त रहते हैं।
आ सकता है पैनिक अटैक भी:
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारण काले बादल और कम धूप लोगों के मनोदशा को प्रभावित करती है। ऐसे में व्यक्ति खुद को बहुत दुखी और अकेला महसूस करता है। कभी-कभी बादल की गरज और बिजली चमकने से लोगों की चिंता बढ़ जाती है और यह पैनिक अटैक जैसी स्थिति भी पैदा कर देती है।
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षण:
- उदासी, चिंता और अवसाद
- किसी भी काम में मन नहीं लगना
- शरीर में ऊर्जा के स्तर में कमी
- आलस और थकान महसूस करना
- नींद न आना
- बेचैनी होना
- अकेलापन महसूस होना
- चिड़चिड़ाहट महसूस होना और रोने को मन करना
ये हैं मनोदशा में बदलाव के कारण:
आपको बता दें कि हमारे शरीर के अंदर मौजूद अम्ल मेलेनोसाइट स्टीम्युलेटी हार्मोन (एमएसएच) की मात्रा में बदलाव आने से मन पर प्रभाव पड़ता है। हार्मोन बदलाव के कारण मन विचलित और उदासीन होने लगता है। अध्ययन बताते हैं कि धूप की रोशनी ठीक से न मिल पाने की वजह से खुशी का हार्मोन कम होने लगता है। मानसून में जब आकाश में काले बादल छाए रहते हैं तब हमें सूरज की रोशनी कम मिल पाती है। इस कारण दिमाग में सेरोटोनिन केमिकल का निर्माण कम होने लगता है। यही वह केमिकल है जो हमें खुशी का अहसास कराता है।
बचाव के उपाय:
- सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारण तनाव होने पर तुरंत अपना मन पसंदीदा काम करने लग जाएं। चाहे तो संगीत सुने या फिर मनपसंद किताब पढ़ें। अपनी रुचि का काम करने के लिए खुद के साथ जबरदस्ती करें। ऐसे में तनाव आप पर हावी नहीं हो पाएगा
- लाइट थेरेपी के जरिए भी सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर की समस्या को दूर किया जा सकता है।
- सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से उबरने में योग, व्यायाम मददगार हैं
- खानपान का विशेष ख्याल रखें। अधिक से अधिक पौष्टिक आहार लें। जंक फूड, चॉकलेट, डिब्बाबंद पेय पदार्थ अधिक खाने से बचें।
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)