Mental Health

मुक्ताक्षर

हल्का तनाव आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य

लेखक: Admin

उपशीर्षक: शोध के अनुसार जो लोग तनाव को अत्यधिक डरावना समझकर तनाव को बहुत ज्यादा बढ़ा लेते हैं उनकी तुलना में तनाव को हल्के में लेने वाले लोग 43 प्रतिशत अधिक सुखद जीवन जीते हैं। यानी की नियंत्रित तनाव लेना अच्छा है।

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जब हम तनाव में होते हैं तो अक्सर लोग कहते हैं चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा। ज्यादा चिंता करोगे तो सेहत खराब हो जाएगी, लेकिन तब भी हम चिंता करना नहीं छोड़ते बल्कि सामने वाले को कह देते हैं आपको क्या पता मेरे तनाव के बारे में, परेशान हूं तो चिंता तो होगी ही न। हम किसी की राय भी नहीं मानते और कह देते हैं कि तनाव न लूं तो काम कैसे होगा और सेहत भी तभी ठीक रहेगी जब काम होगा। कहीं न कहीं अनजाने में ही सही हम तनाव के फायदे तो नहीं गिना देते! क्योंकि एक शोध में यह पाया गया है कि अगर आपको किसी काम को लेकर नियंत्रित चिंता या तनाव है तो यह आपकी सेहत के लिए कई फायदों की वजह भी बन सकता है।

शोध के अनुसार जो लोग तनाव को अत्यधिक डरावना समझकर तनाव को बहुत ज्यादा बढ़ा लेते हैं उनकी तुलना में तनाव को हल्के में लेने वाले लोग 43 प्रतिशत अधिक सुखद जीवन जीते हैं। यानी की नियंत्रित तनाव लेना कहीं न कहीं अच्छा भी है। शोध से जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारा शरीर सामान्य तनाव से निपटने में सक्षम है और यह हमें कुछ फायदे भी देता है। शोधकर्ताओं की माने तो दरअसल, सेहत का संबंध तनाव से अधिक उसका सामना करने के तरीके से है। यानी कि थोड़ा-बहुत तनाव लेना हमारी सेहत के लिए फायदों का सबब भी हो सकता है।

ये होते हैं फायदे:

1) बढ़ जाती है सीखने की क्षमता: 2013 में एक शोध की गई थी जिसमें पाया गया था कि थोड़ा तनाव लेने से शरीर में कॉर्टिकॉस्टरॉन नाम का हार्मोन बनता है जो मानसिक क्षमता को बढ़ा देता है। इससे सीखने की क्षमता बढ़ जाती है। जो लोग सीखने से डरते थे वो हल्के तनाव के कारण मानसिक तौर पर थोड़ा मजबूत हो जाते हैं और चीजों को सीखने लगते हैं।

2) डीएनए और आरएनए का बचाव होता है: कई ऐसे अध्ययन भी हुए हैं जो बताते हैं कि तनाव कभी-कभी शरीर में डीएनए और आरएनए का बचाव करने में भी सहायक हो सकता है। यह पाया गया कि सीमित मात्रा में तनाव लेने से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स बढ़ते हैं जो डीएनए और आरएनए को बचाते हैं, लेकिन तनाव अधिक होने पर इसका नकारात्मक प्रभाव कोशिकाओं पर पड़ सकता है।

3) बढ़ जाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता: कुछ अध्ययन बताते हैं कि हल्का तनाव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है। तनाव शरीर की प्रतिरोधी कोशिकाओं को अधिक सक्रिय कर उनको संक्रमण से लड़ने में अधिक मजबूत बनाता है।

4) बढ़ जाती एकाग्रता: अल्पकालिक हल्के तनाव के दौरान ऊर्जा की वृद्धि होती है। जो व्यक्ति को उसके लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मददगार साबित होती है।

5) उत्साह बढ़ता है: कई जानकारों का मानना है कि अल्पकालिक हल्का तनाव व्यक्ति के लिए जरूरी भी होता है क्योंकि यह आपको उत्साहित रखता है। इससे व्यक्ति को प्रदर्शन क्षमता बेहतर बनाने में मदद मिलती है। लेकिन अगर तनाव बढ़ जाता है, तो वह प्रदर्शन क्षमता को खराब भी कर सकता है।

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