Mental Health

मुक्ताक्षर

केला देखते ही चूहे को हो जाता है तनाव

लेखक: Admin

उपशीर्षक:  अनजाने में हुई एक शोध चर्चा का विषय बनी हुई है। इसमें केला, चूहा और तनाव का दिलचस्प संबंध सामने आया है।

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चूहा एक ऐसा जानवर है जो चिकित्सा क्षेत्र में इंसानों के लिए की जा रही शोध  में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। फिर चाहे वो कोई दवा हो या शोध  का परीक्षण, ज्यादातर मामलों में पहले चूहे पर ही प्रयोग किए जाते हैं। ऐसे में चूहे को लेकर एक अनजाने में ही शोध हो गई है जिसका इंसान से तो लेना-देना नहीं है, लेकिन यह है बड़ी मजेदार। इतनी की हर ओर इसकी चर्चा हो रही है।

शोध में सामने आया है कि केला देखते ही चूहे को तनाव होने लगता है और वो डर जाता है। अध्ययन में खुलासा हुआ है कि चूहों को केले से थोड़ा बहुत नहीं बल्कि बहुत ज्यादा डर लगता है।

भाग खड़े हुए चूहे:

साइंस एडवांस में प्रकाशित इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि मादा की तुलना में नर चूहों में केले को देखने के बाद तनाव ज्यादा मिला। यह भी बताया जा रहा है कि इस शोध को करने का कोई इरादा नहीं था यह बस अनजाने में ही हो गई। मॉन्ट्रियल में मैगकिल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता गर्भवती और स्तनपान कराने वाली मादा चूहों पर अध्ययन कर रहे थे। इसी दौरान दिखा कि अजनबी नर चूहों को देखते ही कैसे मादा चूहे आक्रामकता दिखा रही हैं। आक्रामकता दिखाने के दौरान मादा चूहों ने मूत्र चिह्न के साथ प्रतिक्रिया दी। ऐसा करके वो नर चूहों को चेतावनी देने और भगाने के लिए कर रहीं थीं।  लेकिन, शोधकर्ता यह देख हैरान हो गए कि जो नर चूहे अपनी आक्रमकता के लिए मशहूर हैं वो मादा चूहों के रसायन से आखिर कैसे डर गए और भाग गए।

वैज्ञानिकों ने लगाया पता:

यह जानने के लिए टीम ने अध्ययन शुरू कर दिया। शोधकर्ता प्रोफेसर जेफरी मोगल ने जानकारी दी कि चूहे अपनी सूंघने की शक्तियों का प्रयोग करते हैं। इनके लिए अलग-अलग समय पर मूत्र की गंध के मतलब भी अलग-अलग होते हैं। सूंघने वाले संकेत आमतौर पर नर किसी मादा को भेजते हैं, लेकिन यहां  मादा चूहे ने नर चूहे को सूंघने वाला संकेत भेजा। जो चूहों को दूर रहने के लिए था। शोधकर्ताओं को यह पता लगाना था कि आखिर मादा चूहे के मूत्र चिह्न में ऐसा क्या था कि चूहे भाग खड़े हुए।

केले के अर्क ने दिया जबर्दस्त तनाव:

शोधकर्ताओं को पता चला कि मादा चूहों के मूत्र में केले में मिलने वाला एन-पेंटाइल एसीटेट नामक यौगिक था। वैज्ञानिकों ने पाया कि इस रसायन से नर चूहों में हार्मोन परिवर्तन होने लगा। इसके बाद टीम ने केले के अर्क को नर चूहों के पिंजरे में डाल दिया। इसके बाद नतीजे देख वो चौंक उठे। केले के अर्क को देखने के बाद चूहों में तनाव अधिक बढ़ गया। यानी की उनमें तनाव बढ़ाने वाला हार्मोन बढ़ गया था। ये तनाव बिल्कुल उतना ही था, जितना दूसरे चूहों से लड़ाई के दौरान उनमें होता है। इससे पता चला कि केला चूहों की हालत खराब करने वाला फल है जिससे वह डर जाते हैं।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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