लेखक: Admin
उपशीर्षक: मानसिक स्वास्थ्य और नशे के बीच संबंध को लेकर एक अध्ययन सामने आया है जो चौंकाने वाला है।
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मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखना वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती है। कोरोना के बाद तो समस्या बहुत ही ज्यादा बढ़ी है। जिस प्रकार मानसिक स्वास्थ्य और बीमारियों का आपस में संबंध है उसी तरह नशे और मानसिक स्वास्थ्य का भी आपस में गहरा संबंध है। विशेष रूप से धूम्रपान और मानसिक स्वास्थ्य का। जो अध्ययन सामने आया है वो चिंता और ही बढ़ाता है।
मानसिक रोग ठीक होने में होती परेशानी:
लंदन के वैज्ञानिकों के इस अध्ययन के मुताबिक जो लोग मानसिक रूप से बीमार होते हैं वो सामान्य लोगों की तुलना में तीन गुना ज्यादा धूम्रपान (सिगरेट पीते हैं) करते हैं। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि सिगरेट की इस लत के कारण एक तो मानसिक रोगियों में सुधार होने की संभावना कम हो जाती है दूसरे धूम्रपान करने वाले मानसिक रोग के मरीजों की उम्र आम लोगों की तुलना में करीब 10 से 20 साल कम हो सकती है।
भ्रमजाल में ले लेता है धूम्रपान:
लंदन के मॉड्स्ले अस्पताल में कार्यरत और इस शोध की प्रमुख मेट्रन मैरी येट्स कहती हैं कि धूम्रपान छोड़ना मानसिक रोगियों के लिए चमत्कार कर सकता है। अगर मानसिक रोगी धूम्रपान छोड़ने में सफल होते हैं तो वह अवसाद से मुक्त भी हो सकते हैं। ने केवल उनके मनोदशा में फर्क आता है बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ जाता है। इससे वह लोग मानसिक तौर पर ज़्यादा समर्थ महसूस करते हैं। शोधकर्ताओं ने शोध में शामिल मानसिक रूप से बीमार रहे गैरी नेवन से उनकी धूम्रपान की आदत के बारे में पूछा तो उसने कहा, “हम अस्पताल में मानसिक तौर पर बेहतर महसूस करने के लिए आते हैं। इसके अलावा सिगरेट पीने से मुझे अच्छा महसूस होता है। लगता है कि जैसे मानसिक रूप से मैं हल्का महसूस कर रहा हूं।”
लेकिन शोधकर्ताओं ने बताया कि यह केवल भ्रमजाल जैसा होता है जो आगे चलकर मानसिक तौर पर बहुत ही अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।
ज्यादातर होते हैं धूम्रपान के लती:
इस बारे में राजस्थान में नशा मुक्ति केंद्र में सेवा देने वाले चिकित्सक डॉ सचिन बताते हैं कि यहां जितने भी रोगी नशा छोड़ने या छुड़ाने के उद्देश्य से आते हैं या लाए जाते हैं उनमें से ज्यादातर मानसिक रोगी होने के साथ-साथ शराब और धूम्रपान के लती होते हैं। जिन्होंने धूम्रपान छोड़ा उनकी मानसिक स्थिति में भी जल्दी सुधार देखा गया।
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)