लेखक: Admin
उपशीर्षक: तस्वीर बनाना, पुरानी बातों को याद करना और नियमित व्यायाम करना याददाश्त को दुरुस्त रखने में मददगार होते हैं
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एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत गाजियाबाद की रहने वाली अपर्णा के साथ इन दिनों बहुत अजीब सा हो रहा है। पहले साल पुरानी भी हर बड़ी व छोटी घटनाएं उनको याद रहती थीं, लेकिन अब तो छोटी तो छोड़िए बड़ी बात भी वह भूल जाती हैं। इससे उनके दैनिक जीवन पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
कुछ ऐसा ही हाल है गुरुग्राम के रहने वाले आशीष का। उनको लगने लगा है कि उनकी याददाश्त कमजोर हो रही है। इन दोनों ही मामलों की बात करें तो दोनों की ही आयु 30 साल से भी कम है। इन दोनों ही मामलों में याददाश्त कम होते जाने के कारण किसी भी प्रकार के निर्णय लेने में भी इन लोगों को दुविधा होने लगी है।
इन मामलों की जानकारी देते हुए मनोचिकित्सक डॉ नियामत बाजवा बताती हैं कि इस प्रकार के मामले अब आए दिन आने लगे हैं जिनमें युवा और बच्चे भी याददाश्त कमजोर होने की शिकायत कर रहे हैं। यह लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। वैसे तो शरीर में कुछ विटामिन और मिनरल कम होने के कारण भी याददाश्त कमजोर होने लगती है लेकिन अब तनाव अधिक लेने के कारण भी ऐसा हो रहा है। कोरोना के बाद भी युवाओं की मानसिक स्थिति प्रभावित हुई है जिसका असर उनकी याददाश्त पर भी पड़ा है।
डॉ नियामत के अनुसार, याददाश्त कमजोर होने के कुछ शुरुआती लक्षण होते हैं और तब ही इसे रोकना आसान होता है लेकिन अभी भी मामला इतना नहीं बिगड़ा है। कुछ उपायों को अपनाकर दिमाग को तेज और याददाश्त को मजबूत किया जा सकता है। वो कहती हैं मैं अपने पास आने वाले युवाओं को यह टिप्स जरूर बताती हूं। जहां दवा की जरूरत हो वहां दवा भी दी जाती हैं लेकिन ज्यादातर मामले इन उपायों को अपनाकर बड़ी ही आसानी से सही किए जा सकते हैं।
तस्वीर बनाएं:
बहुत सारे अध्ययनों में ये साफ हो चुका है कि तस्वीर बनाने से मनोभ्रंश (डिमेंशिया) जैसी बीमारी तक को ठीक किया जा सकता है। ऐसे में याददाश्त मजबूत रखने का यह तरीका बहुत कारगर साबित हो सकता है। स्कूली दिनों में भी कुछ बच्चे याद करने के लिए तस्वीरें बनाते थे। वैसे भी विजुअलाइजेशन याद रखने का सबसे बेहतर तरीका माना जाता है। चित्रकला में आप कार्टून, तस्वीर इत्यादि बना सकते हैं।
पुरानी बातें याद करने की कोशिश करें:
याददाश्त बढ़ाने के लिए पुरानी बातों को याद करना भी एक बेहतर तरीका साबित हो सकता है। जब जीवन की पुरानी बातें याद की जाती हैं तो दिमाग की याददाश्त मजबूत होती है यह एक तरह से दिमाग का व्यायाम भी है। इसके अलावा सुबह से लेकर रात तक की छोटी-बड़ी हर बात को डायरी पर नोट करने की आदत डालें और रात को दिमाग में याद करने की कोशिश करें कि आज पूरे दिन क्या किया।
नियमित रूप से करें व्यायाम:
कई अध्ययनों में सामने आया है कि अगर आप नियमित तौर पर व्यायाम करते हैं तो आपकी याददाश्त मजबूत बनी रहती है। रोजाना के व्यायाम से हमारा तंत्रिका तंत्र बेहतर होता है और नसों में खून का और ऑक्सीजन का प्रवाह संतुलित रहता है जिसका हमारे दिमाग पर अच्छा असर पड़ता है। योग और ध्यान भी याददाश्त मजबूत करने और दिमाग को बेहतर बनाने में बहुत मददगार हैं।
समय-समय पर विटामिन और मिनरल चेक करवाएं:
आज के दौर में विटामिन और मिनरल की शरीर में मात्रा का चेक करवाना जरूरी हो चुका है। इनके कम होने पर भी याददाश्त पर असर पड़ता है जैसे कि विटामिन बी12, विटामिन डी आदि। इनकी कमी तनाव बढ़ाती है और याददाश्त पर भी बुरा असर डालती है। दूसरी सबसे बड़ी बात तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दें। काम के बीच में विश्राम जरूर लें और किसी ऐसी जगहों पर जाएं जहां आपको शांति मिले।