Mental Health

मुक्ताक्षर

भरोसा टूटने पर तेजी से हावी होता है अकेलापन

लेखक: Admin

उपशीर्षक: मानव जीवन में भरोसे और अकेलेपन का सीधा संबंध उजागर हुआ है। हालांकि, समय रहते कुछ उपाय करने से अकेलेपन की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को गंभीर स्थिति में जाने से बचाया जा सकता है।

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वर्तमान में लोगों में अकेलेपन की भावना तेजी से घर कर रही है। वह अपने सगे-संबंधियों के बीच होते हुए भी खुद को अकेला महसूस करने लगे हैं। ऐसे भी कई मामले सुनने को मिलते हैं जिसमें व्यक्ति लोगों से मिलना-जुलना तक बंद कर देते हैं। यहां तक की अपने परिवार से भी वो दूरी बना लेते हैं।

ऐसे लोगों में अकेलापन तेजी से हावी होने की मुख्य वजह जीवन के किसी दौर में उनका भरोसा टूटना भी हो सकता है। हो सकता है उनके साथ किसी ने धोखा दिया हो या किसी अन्य कारण से उनका भरोसा टूटा हो।

इस्राइल की यूनिवर्सिटी ऑफ बॉन के वैज्ञानिकों का दावा है कि भरोसा कम होने या टूटने के कारण अकेलापन तेजी से हावी होता है। हालांकि, समय रहते कुछ उपाय करने से अकेलेपन की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को गंभीर स्थिति में जाने से बचाया जा सकता है। शोध में पाया गया है कि अकेलेपन की गंभीर अवस्था के बावजूद मानसिक स्वास्थ्य को एकदम से नुकसान नहीं पहुंचता। बीमारियां पनपने में समय लेती हैं।

मस्तिष्क के क्रियाकलापों में दिखा बदलाव

मानव जीवन में भरोसा और अकेलेपन का सीधा संबंध है। जिन लोगों पर शोध हुई उनका कभी न कभी किसी बात को लेकर भरोसा टूटा हुआ था। ऐसे लोगों पर हुई शोध में इनके मस्तिष्क, विशेष रूप से इनसुलर कॉर्टेक्स के क्रियाकलापों और उसकी संरचना में होने वाले बदलावों को देखा गया। मस्तिष्क में मौजूद इनसुलर कॉर्टेक्स के माध्यम से व्यक्ति शरीर के इशारों को समझता है। विशेष रूप से दिल की धड़कन को। इसके अलावा इनसुलर कॉर्टेक्स द्वारा ही व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति के हाव भाव, व्यवहार, मनःस्थिति और उसके अंदर स्वयं के प्रति भरोसे का आकलन करता है।

अपनों से मिली थी ठेस

जांच के लिए वैज्ञानिकों ने गंभीर रूप से अकेलेपन की समस्या से ग्रसित 3,678 लोगों को शोध में शामिल किया। वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि जो लोग अकेलेपन से गुजरते हैं उन्हें कभी न कभी किसी अपने से ही निराशा मिली होती है। जिस कारण उनके भरोसे को ठेस पहुंची होती है। शोध के प्रमुख डॉ डिर्क शीले के अनुसार किसी व्यक्ति में जब किसी अपने के प्रति भरोसा कम होता है या टूट जाता है तो उसमें अकेलापन तेजी से बढ़ने लगता है। जब व्यक्ति अकेलेपन की स्थिति में जाता है तब उसके अंदर दूसरे लोगों के जुड़ने की आकांक्षा भी विकसित होने लगती है। वहीं, ज्यादातर ऐसे होते हैं जो खुद को दूसरों से पूर्ण रूप से अलग कर लेते हैं। ऐसे लोगों में ही मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां जैसे तनाव, अवसाद, अनिद्रा और घबराहट जैसी दिक्कतें शुरू होती हैं।

शोध में मिला अच्छा संकेत भी

इस शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने जब प्रतिभागियों की ब्रेन स्कैनिंग देखी तो वे हैरान हो गए। उन्होंने पाया कि अकेलेपन से ग्रसित कुछ लोगों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई तकलीफ नहीं थी। यानि यह एक अच्छा संकेत भी था। वैज्ञानिकों ने बताया कि इससे यह पता चला कि ऐसे में प्रारंभिक स्तर पर किसी के अकेलेपन के बारे में पता चलने पर उसे गंभीर स्थिति में जाने से बचाया जा सकता है।

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