Mental Health

मुक्ताक्षर

डरावने धारावाहिक आपको मानसिक रोगी बना सकते हैं

लेखक: Admin

उपशीर्षक: कोरोना काल में लोगों ने खाली समय में डरावने धारावाहिक तो देखे, लेकिन उनको क्या पता था कि मनोरंजन का यह साधन उनको मानसिक रोगी बना देगा। ये सुनकर आप जरूर हैरान हो गए होंगे लेकिन ये बात पूरी तरह सच है। शोध में ऐसे चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। जिसमें कोरोना से घबराए लोगों में अब भूतों को लेकर डर बैठ गया है और वो मानसिक रोगी बन रहे हैं।

—————————————————-

पूरी दुनिया के लोगों की मानसिक स्थिति पर कोरोना का जो प्रभाव पड़ा है, वह किसी से छुपा नहीं है। कोरोना के बाद दुनियाभर में मानसिक रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हालांकि ब्रिटेन में एक अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिल रही है। यहां के लोग इन दिनों भूतों के डर से परेशान हैं। हाल ही में उन लोगों पर किए गए एक अध्ययन में यह जानकारी मिली है

जमकर देखे थे डरावने कार्यक्रम

शोध में पता चला कि कोरोना के समय लोगों ने खाली समय में सोशल मीडिया और टीवी पर जमकर डरावने धारावाहिकों का आनंद उठाया और विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रसारित होने वाले थ्रिलर, क्राइम सीरीज और हॉरर शो देखे। इन सब को देखने के बाद उनके मन में भय  की स्थिति पैदा हो गई है। यह समस्या कोविड के बाद शुरू हुई थी जो अब राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ गई है। लंदन की गोल्ड स्मिथ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर क्रिस्टोफर फ्रेंच के मुताबिक डरावने कार्यक्रमों का असर लोगों के अवचेतन मन पर पड़ा है, वे अजीब से डर में हैं और मानसिक रोगी बन रहे हैं।

कर रहे हैं असाधारण हरकतें

विगत एक साल में 1000 से भी ज्यादा लोग अचानक बिजली बंद हो जाना, रात को अजीब सी आवाजें आने की घटनाओं के वीडियो रिकॉर्ड कर चुके हैं। यह एक प्रकार का फोबिया है। शोधकर्ताओं ने लोगों में असाधारण गतिविधियां देखीं। लोग अपने घरों में नींद से उठकर बैठ जा रहे हैं। किसी को हरदम लगता है कि कोई भारी चीज गिर रही है। शोधकर्ताओं ने पाया कि लोगों की मानसिक स्थिति बुरी तरह से हिल गई है और वो मानसिक रोगी बन रहे हैं। जो हरकत लोग कर रहे हैं वो उनके मन में समाए डर के कारण है जिसको उन्होंने डरावने धारावाहिकों से ग्रहण किया है।

भूतों  की पहचान को मचल रहे

शोध में यह भी सामने आया है कि ब्रिटेन में वैज्ञानिक  रूप से भूतों की पहचान करने वाले घोस्ट हंटर की मांग भी अचानक से बढ़ गई है। लोग अपने घरों में साउंड डिटेक्ट डिवाइस और कैमरे लगवा रहे हैं। इनको लगवाने का उनका मकसद है कि वे भूत-प्रेत से जुड़ी घटनाओं को रिकॉर्ड कर सकें। यहां लोग घोस्ट हंटर्स से लेकर चिकित्सकों तक की मदद ले रहे हैं।

उड़ गई है रातों की नींद

इन लोगों में रात में नींद ना आने की परेशानी सबसे अधिक देखी जा रही है। यह लोग काम तो करते हैं लेकिन हमेशा किसी गहरी सोच में डूबे दिखते हैं मानो इनका दिमाग कहीं और ही हो। इसके अलावा इन लोगों में हर समय बेचैनी का अनुभव होने की समस्या भी सामने आ रही है।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

Share on

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *