लेखक: Admin
उपशीर्षक: तापमान का दिमाग पर सीधा असर पड़ता है। 12 से 21 डिग्री सेल्सियस के तापमान में लोग सबसे अच्छे मनोदशा में होते हैं।
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द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ ने हाल ही में मौसम का लोगों के मिजाज पर हुए असर की जांच की है। इस अध्ययन में अमेरिका के 773 शहरों में रहने वाले लोगों को शामिल किया गया। मौसम के आधार पर इन सभी लोगों के व्यवहार पर तापमान के हिसाब से विश्लेषण किया गया। सामने आया कि ज्यादा गर्मी या ज्यादा सर्दी होने से हमारे दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ऐसा होने पर व्यक्ति में गुस्सा और नफरत बढ़ जाते हैं।
ऑनलाइन जाहिर करते हैं नफरत:
इस नफरत और गुस्से को प्रदर्शित करने के लिए लोग ऑनलाइन को जरिया बनाते हैं। क्योंकि वह भौतिक रूप से गुस्सा या नफरत नहीं दिखा पाते। शोधकर्ताओं ने अपने इस अध्ययन में ऑनलाइन कंटेंट और मौसम के मिजाज के संबंध को मुख्य आधार बनाया।
हेट स्पीच में हुई वृद्धि:
अध्ययन में पाया गया कि ज्यादा गर्मी के दौरान अमेरिका में ऑनलाइन हेट स्पीच के मामलों में अत्याधिक बढ़ोतरी हुई। इनमें एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग चार गुना ज्यादा ऑनलाइन हेट स्पीच का शिकार बने। द लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ ने मई 2014 से मई 2020 तक के अमेरिका में किए गए करीब 400 करोड़ ट्वीट्स की जांच की। इसमें 7 करोड़ 50 लाख ट्वीट हेट स्पीच के थे। हेट स्पीच के लिए शोधकर्ताओं ने यूनाइटेड नेशन की परिभाषा को मानक माना। जिसके तहत किसी भी व्यक्ति या समूह पर उसके धर्म, नस्ल, राष्ट्रीयता, रंग, लिंग आदि के आधार पर अपमानजनक टिप्पणी करना हेट स्पीच माना गया है।
मौसम और हेट स्पीच में मिला संबंध:
शोधकर्ताओं ने यह भी जांचा की कि कौन से ट्वीट किस इलाके से हुआ और वहां उस दिन का मौसम कैसा था। पाया गया कि जहां तापमान 15 से 18 डिग्री सेल्सियस था वहां हेट स्पीच ट्वीट थोड़े ज्यादा हुए। -3 से -5 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रह रहे लोगों ने 12.5 प्रतिशत ज्यादा हेट स्पीच वाले ट्वीट किए। ऐसे इलाके जहां तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस था, हेट स्पीच वाले ट्वीट में 22 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई।
इस तापमान में सबसे अच्छा रहता है मनोदशा:
ये तो हुई नफरत और गुस्से की बात। इससे हटकर शोधकर्ताओं ने यह भी जाना कि आखिर किस तापमान में हमारा मनोदशा सबसे अच्छा रहता है। सामने आया कि 12 से 21 डिग्री सेल्सियस के तापमान में लोग सबसे अच्छे मनोदशा में होते हैं। इस समय उनमें गुस्सा और नफरत भी कम हो जाता है।
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)