Mental Health

मुक्ताक्षर

भावनात्मक तनाव बन सकता है बुखार का कारण

लेखक: Admin

उपशीर्षक: एक शोध में यह दावा किया गया है कि जो इंसान मानसिक तनाव से ग्रस्त होता है उनका शारीरिक तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, जिसके कारण उन्हें बुखार भी हो सकता है।

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तनाव किसी भी सूरत में ठीक नहीं है यह तन और मन दोनों को भारी नुकसान पहुंचाता है। अध्ययनों में यह दावा भी किया गया है कि जो व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार होता है उनके शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिससे उनको बुखार भी आ सकता है।

साधारण बुखार समझना गलत:

इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ अभिषेक अवस्थी बताते हैं कि कई बार भावनात्मक तनाव भी लोगों में बुखार का कारण बन जाता है जिसे लोग साधारण बुखार जैसा समझ लेते हैं। शुरू-शुरू में यह थकान के कारण जैसा लगता है जिसमें हल्का बुखार सा बना रहता है लोग समझते हैं यह या तो थकान या काम के बोझ के कारण है लेकिन इसकी जड़ मानसिक या भावनात्मक तनाव में होता है।

डॉ अवस्थी के मुताबिक, किसी भी प्रकार के भय के कारण बुखार ज्यादा आता है जैसे किसी काम में सफलता न पाने का डर, किसी कार्य का परिणाम सोचने की प्रतीक्षा करते वक्त अति सोच करने के कारण भी बुखार आ सकता है। जो लोग बहुत सोचते हैं और अत्याधिक तनाव लेते हैं उनमें बुखार लगातार आने के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। दरअसल, तनाव के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे बुखार होने लगता है।

चूहों के मस्तिष्क पर किया प्रयोग:

बहुत सारे अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि तनाव के कारण लोगों को बुखार आ सकता है। एक शोध में यह दावा किया गया था कि जो इंसान किसी मानसिक तनाव से ग्रस्त होता है उनका शारीरिक तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, जिसके कारण उसे बुखार भी हो सकता है। 2004 में चूहों पर  किए गए शोध में हुए प्रयोग से पता चला कि जब चूहों के मस्तिष्क का तापमान बढ़ाने के लिए ब्राउन वसा उत्तक को प्रवेश कराते हैं तो उनके मस्तिष्क में विभिन्न प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं उनमें तनाव के लक्षण उभरते हैं और शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ब्राउन वसा जरूरत पड़ने पर शरीर का तापमान बढ़ाने में काफी उपयोगी होता है।

तनाव से बचने के उपाय:

  • पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें
  • योग और ध्यान को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
  • खानपान में बदलाव लाएं
  • खाने में हरी सब्जियों और फलों को रोज शामिल करें
  • नियमित रूप से व्यायाम के लिए समय निकालें
  • तनाव लेने से बचें
  • रोजाना 8-10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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