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मुक्ताक्षर

क्या आप जानते है प्रियजनों को खोने के डर से खुद को कैसे बचाएं?

लेखक: Admin

उपशीर्षक: कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके जीवन में सब कुछ ठीक चल रहा होता है फिर भी उनको अपने प्रियजनों से बिछड़ जाने का डर बना रहता है। यदि आपके साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है और इस वजह से आप बीमार हो रहे हैं तो आप सेपरेशन एंग्जायटी से ग्रस्त हो सकते हैं। मगर डरिये मत इससे उबरने का उपाय है

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सेपरेशन एंग्जायटी को समझना आसान नहीं है। जो इससे परेशान है वही अपनी हालत को समझ सकता है। ऐसे लोगों के जीवन में कुछ भी गलत नहीं हो रहा होता है फिर भी वे उदास और अंदर से खाली-खाली महसूस करते हैं क्योंकि उनको अपनों से बिछड़ने की चिंता सताती रहती है और यही कारण उनको बीमारी और अवसाद की ओर ले जाता है। यदि आपके साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है और इसकी वजह से आप बीमार रहने लगे हैं या आपकी रातों की नींद और दिन का चैन खो गया है तो आपको सेपरेशन एंग्जायटी हो सकती है।

जानिए क्या है सेपरेशन एंग्जायटी:

यह एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कहर बरप रहा होता है। अपनों से दूर होने का डर इससे पीड़ित व्यक्ति को चैन से जीने नहीं देता। अपने किसी अजीज या प्रियजन से दूर होने के बाद बेचैनी और अकेलापन महसूस करना सामान्य है, मगर यदि इसका असर आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने लगे तो इसे सेपरेशन एंग्जाइटी माना जाता है। महिलाओं और बच्चों में यह ज्यादा देखने को मिलती है। इसमें एक व्यक्ति को किसी व्यक्ति से भौगोलिक अलगाव या अलगाव के विचार से उत्पन्न भय उनका चैन छीन लेता है।

सेपरेशन एंग्जायटी बच्चों से लेकर वयस्कों तक में हो सकता है। यह तब हो सकता है जब आप किसी से बेहद लगाव करते हों और अपनी हर जरूरतों और खुशी के लिए उन पर निर्भर हों।

सामान्यतय लोगों को रिश्ते टूटने  या किसी प्रियजन की मृत्यु के बाद डर लग सकता है, मगर सेपरेशन एंग्जायटी के शिकार मरीज़ को यह डर काल्पनिक स्थिति से भी हो सकता है

 सेपरेशन एंग्जाइटी के लक्षण:

  • नींद ना आना, जगी आंखों से प्रियजनों से बिछड़ने के विचार आना
  • दुख भरी कल्पनाएं करना
  • जिस व्यक्ति से आप प्यार करते हैं और हर चीज के लिए उन पर निर्भर हैं उनकी अनुपस्थित होने पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना
  • भावनात्मक निर्भरता महसूस करना और बिना बात डरते रहना, रोना और चिड़चिड़ापन
  • अपने किसी प्रियजन की सुरक्षा के लिए जरूरत से ज्यादा डरना
  • बार-बार यही सोचना की प्रियजन आपसे दूर हो रहा है या आप उसे खो रहे हैं
  • पेट दर्द, सिरदर्द, कब्ज, चक्कर आना, कमजोरी, बिना काम किए बगैर थकान होना

अन्य एंग्जायटी डिसऑर्डर की तुलना में ज्यादा हानिकारक:

उपरोक्त लक्षण अगर 6 महीने से अधिक समय से देखने को मिल रहे हैं तो मनोचिकित्सक इसे सेपरेशन एंग्जायटी ही मानते हैं। सेपरेशन एंग्जायटी वाले वयस्कों को अन्य एंग्जाइटी डिसऑर्डर की तुलना में अवसाद के उच्च स्तर, उच्च तनाव और दैनिक जीवन में ज्यादा हानि दिखने को मिलती है। यानी कि अन्य एंग्जाइटी डिसऑर्डर की तुलना में सेपरेशन एंग्जायटी कहीं अधिक हानिकारक है। जानकारों का कहना है कि वयस्कों में सेपरेशन एंग्जायटी अक्सर अन्य चिंता विकारों जैसे एंग्जाइटी डिसऑर्डर, पैनिक डिसऑर्डर, क्रोध आदि के साथ प्रकट होता है। वयस्कों में सेपरेशन एंग्जाइटी के लक्षण अधिक गंभीर भी होते हैं।

बचाव के उपाय:

ऐसा नहीं है कि सेपरेशन एंग्जायटी के लक्षणों को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। ये उपाय अपनाकर इस मानसिक बीमारी पर काबू पाया जा सकता है:

  • संकेतों को पहचान सबसे पहले करीबी लोगों, दोस्तों, परिवार वालों से बात करें। जरूरत पड़ने पर मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक के पास जाने से न झिझकैं
  • अपनी खुद की क्षमताओं पर विश्वास करें, अपनी क्षमताओं के बारे में जागरूक होने से इसे कम किया जा सकता है।
  • योग, ध्यान और व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
  • सकारात्मक और जिंदादिल लोगों की संगत में रहने की कोशिश करें
  • किसी सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य में खुद को शामिल करें
  • प्रेरणादायक किताबें और साहित्य को अपना साथी बनाएं

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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