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मुक्ताक्षर

अवसादरोधी दवा की तरह हैं पालतू जानवर

लेखक: Admin

उपशीर्षक: अवसाद दूर करने में मददगार हैं पालतू जानवर। एक स्वीडिश अध्ययन में यह सामने आया कि पालतू जानवरों के साथ सिर्फ 15 से 20 मिनट भी बिताने से आपके शरीर में तनाव देने वाले हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम हो जाता है।

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आपने देखा होगा छोटे बच्चों को जानवरों के साथ खुश रहते हुए। हम में से ज्यादातर ने कभी न कभी यह महसूस किया होगा कि जब कभी हम उदास हुए हैं या मन नहीं लग रहा होता है तो पास गुजरते जानवरों को देख हम एकदम से उनमें ही खो जाते हैं। विशेष रूप से कुत्ते को पुचकारते हुए और उसके हमारे साथ खेलते ही हमारी सारी उदासी मानो एक पल के लिए कहीं भाग जाती है।

अब इस तनाव भरे दौर में यही जानवर हमें अवसाद से निकालने का काम भी कर रहे हैं। अध्ययनों में साबित हो चुका है कि पालतू जानवर किसी अवसादरोधी दवा की तरह काम करते हैं और हमें अवसाद की स्थिति से बाहर ला सकते हैं।

ईएसएएस थेरेपी का मिला नाम:

यही वजह है कि अब तो पालतू जानवरों के साथ को इमोशनल सपोर्ट एनिमल सपोर्ट या ईएसएएस थेरेपी का नाम भी दिया जा चुका है जो अवसाद दूर भगाने की कारगर थेरेपियों में से एक मानी जा रही है।

शोध में दिखे फायदे:

कई सारे अध्ययनों में इस बात की तसदीक हो चुकी है कि पालतू जानवर अवसाद से हमें बाहर ला सकते हैं। अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस में कुछ साल पहले एक शोध प्रकाशित हुई थी इस शोध में मानसिक रूप से परेशान विकलांग लोगों को शामिल किया गया। इनमें से कुछ विकलांग लोगों को कुत्ता दिया गया और कुछ को नहीं। यह देखा गया कि जिन लोगों ने कुत्तों को अपना साथी बना लिया था वो मानसिक परेशानी से उबर चुके थे और अधिक खुश और स्वस्थ नजर आए थे।

अल्जाइमर, डिमेंशिया का खतरा कम:

जर्नल एजिंग एंड मेंटल हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, पालतू जानवरों की  मौजूदगी में आपको अकेलापन महसूस नहीं होता। साथ ही जो लोग अपने पालतू जानवरों से बात करते हैं, उनका अकेलापन काफी हद तक दूर हो जाता है । कुछ अध्ययन बताते हैं कि पालतू जानवरों के साथ से मनोभ्रंश (डिमेंशिया), अल्जाइमर जैसे गंभीर मानसिक रोगों का खतरा भी कम हो जाता है।

आत्मविश्वास बढ़ाते:

अध्ययनों में यह बात भी सामने आई है कि पालतू जानवरों का साथ आपको सकारात्मक बनाता है। पालतू जानवर जिस तरह प्रेम करते हैं वो निस्वार्थ होता है और कोई व्यक्ति ऐसा प्यार नहीं कर सकता। पालतू जानवरों का ऐसा ही प्यार आपको खुद के प्रति सकारात्मक बनाता है। आपके पालतू आप पर किसी छोटे बच्चे की तरह निर्भर होते हैं । इससे आप एक जिम्मेदार व्यक्ति बन जाते हैं और आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।

शरीर में पैदा करते खुशी देने वाला हार्मोन:

पालतू जानवर विशेष रूप से कुत्ते बहुत सकारात्मक होते हैं। एक स्वीडिश अध्ययन में यह सामने आया कि पालतू जानवरों के साथ 15 से 20 मिनट बिताने से आपके शरीर में तनाव देने वाले हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम हो जाता है। जिससे आपका तनाव भी कम हो जाता है। इसके अलावा पालतू जानवर के साथ समय बिताने से ऑक्सीटोसिन नामक खुशी के हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है।

व्यायाम भी करवा देते:

पालतू जानवरों के साथ से आप व्यायाम भी करने लग जाते हैं। इससे शरीर भी चुस्त रहता और मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है। पार्क में टहलने जाना, जानवरों के साथ खेलना, उनके साथ भागना-दौड़ना आपको शारीरिक श्रम में उलझाए रखता है जिससे शरीर में टॉक्सिन जमा नहीं हो पाते और मानसिक तौर पर इसका फायदा होता है। व्यायाम का मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आपका पालतू जानवर आपको शारीरिक रूप से दुरुस्त रखता ही है साथ ही आपके मन को खुश भी रखता है।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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