लेखक: Admin
उपशीर्षक: एक अनुमान के मुताबिक 2050 तक हर 85 में से एक इंसान अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित होगा। मगर समय रहते इसके आगमन का पता चल जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।
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अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक शोध के मुताबिक, अल्जाइमर बीमारी होने से दस साल पहले दिमाग सिकुड़ना शुरू हो जाता है। न्यूरोलॉजी नाम की पत्रिका में प्रकाशित, इस शोध में पाया गया कि कुछ सेहतमंद लोगों का दिमाग सिकुड़ रहा था जबकि उनको अल्जाइमर है इस बात का पता दस साल बाद चला। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह शोध अल्जाइमर की जल्द पहचान कर उसका समय पर इलाज करने की दिशा में मददगार साबित हो सकती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, अल्जाइमर पैदा होने के खतरे का पता लगाने के लिए मैग्नेटिक रेजोनेंस मापना काफी अहम साबित हो सकता है। भविष्य में अल्जाइमर की कोई दवाई अगर मिल जाती है तो उन लोगों को काफी फायदा हो सकता है जो इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं।
9 साल तक जारी रही शोध:
अध्ययन में 70वें दशक में जी रहे स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया। इनके दो समूह बनाए गए। इसके बाद प्रतिभागियों के दिमाग को स्कैन किया गया। करीब नौ साल तक यह जांच जारी रही। शोध के दौरान 50 लोग तो सामान्य रहे जबकि 15 लोगों को अल्जाइमर हो गया। शोध समाप्त होने पर पता चला कि उन 15 लोगों में दिमाग के कुछ खास हिस्से सिकुड़ने की प्रक्रिया देखी गई थी।
लाइलाज बीमारी है अल्जाइमर:
अल्जाइमर दिमाग से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जिसमें दिमाग की कोशिका खत्म होने लगती है। इस कारण व्यक्ति की याददाश्त बुरी तरह प्रभावित होती है साथ ही इसका असर व्यक्ति के व्यवहार और आम जीवन पर भी पड़ने लगता है। अल्जाइमर एक खतरनाक बीमारी है जिसमें इंसान सब कुछ भूल जाता है। आमतौर पर यह बीमारी 65 साल की उम्र के बाद होती है।
2050 तक दिख सकता है बीमारी का विकराल रूप:
डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, हर 5 सेकेंड में दुनिया भर में अल्जाइमर का एक नया मामला सामने आ रहा है। आने वाले 10 सालों में इसकी संख्या बढ़कर 76 लाख होने की संभावना है। एक अनुमान के मुताबिक 2050 तक हर 85 में से एक इंसान इस बीमारी से पीड़ित होगा
भूलने की हर बीमारी अल्जाइमर नहीं:
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ दीप बंसल के मुताबिक, याददाश्त प्रभावित होने या भूलने की हर समस्या को अल्जाइमर नहीं समझना चाहिए। याददाश्त संबंधी समस्याओं के पीछे, दवाओं के साइड इफेक्ट्स, विटामिन बी 12 की कमी, विटामिन डी की कमी, शराब की लत, ब्रेन ट्यूमर या डिमेंशिया जैसे कारण भी हो सकते हैं जिसे समय रहते ठीक किया जा सकता है। जरूरत है कि याददाश्त संबंधी परेशानी होने पर तुरंत किसी न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क किया जाए।
अल्जाइमर के लक्षण:
- नामों को याद न रख पाना
- भ्रम होना, मनोस्थिति में उतार-चढ़ाव
- सामान्य संख्याओं को भी याद रखने में परेशानी
- व्यवहार में असामान्य परिवर्तन
- दिमाग पर संतुलन न रहना
- दुविधा की स्थिति बने रहना
- निर्णय लेने में दिक्कत होना
(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)