Mental Health

मुक्ताक्षर

50 फीसदी सिरदर्द का कारण चिंता और तनाव है

लेखक: Admin

उपशीर्षक: तनाव और चिंता का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है कि अब यह सिरदर्द के कारणों में अव्वल हो गया है।

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सिरदर्द को अब तक एक सामान्य बीमारी माना जाता रहा है। जीवन में हर किसी को कभी न कभी सिरदर्द का शिकार होना ही पड़ता है। लेकिन अब तो हालात यह हो गए हैं कि कई लोगो को नियमित रूप से सिरदर्द होने लगा है। हर एक दिन छोड़ कर वह सिरदर्द की शिकायत करते हैं। कई तो रोज उठते ही सिर में भारीपन महसूस करते हैं। कारणों की बात की जाए तो कोई गैस, कोई मौसम से परेशान होने को इसकी वजह बताता है। लेकिन यहां भी तनाव और चिंता ने अपने कदम जमा लिए हैं।

यह तो सब जानते हैं कि कभी-कभी चिंता से सिरदर्द हो जाता है लेकिन आए दिन ही सिरदर्द होने लगे तो बात सोचने वाली है। मगर कम ही लोग यह समझ पाते हैं कि वह चिंता और तनाव के कारण धीरे-धीरे सिरदर्द की समस्या से घिर बैठे हैं।

हालिया आई एक शोध के नतीजे बताते हैं कि दुनिया की आधी आबादी सिरदर्द से परेशान है। इनमें भी माइग्रेन की तुलना में चिंता और तनाव के कारण होने वाले सिरदर्द से जूझ रहे लोगों की संख्या अधिक है। नॉर्विजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने सिरदर्द पीड़ितों के आंकड़ो को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इस शोध के मुताबिक दुनिया की 52 फीसदी आबादी प्रतिवर्ष किसी न किसी प्रकार के सिरदर्द का शिकार होती है। इसमें माइग्रेन, तनाव और चिंता से होने वाला सिरदर्द शामिल है। शोध के लिए वैज्ञानिकों ने 1961 से 2020 तक के उन शोधों को अध्ययन किया जिनमें सिरदर्द से जुड़ा आंकड़ा मौजूद था।

चिंता वाले सिरदर्द से 26 फीसदी लोग परेशान:

शोध में पाया गया कि दुनिया की सिरदर्द पीड़ित 52 फीसदी आबादी में से 14 फीसदी लोग माइग्रेन के मरीज हैं तो वहीं 26 फीसदी ऐसे हैं जो इतनी चिंता करते हैं कि वह गंभीर सिरदर्द का कारण बन जाती है। यानी कि आधे से ज्यादा लोग चिंता और तनाव के कारण सिरदर्द को अपना साथी बना चुके हैं। इसके अलावा दुनिया में हर दिन 15 फीसदी लोग सिरदर्द से जूझते हैं और इनमें भी चिंता और तनाव से होने वाले सिरदर्द से परेशान लोगों की संख्या कहीं अधिक है।

चिंता वाले सिरदर्द को पालने में महिलाएं अव्वल:

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि महिलाओं में चिंता वाले सिरदर्द की समस्या पुरुषों से कहीं अधिक है। चिंता ही नहीं, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हर प्रकार का सिरदर्द ज्यादा होता है। माइग्रेन से जहां दुनिया में 17 फीसदी महिलाएं पीड़ित हैं, वहीं केवल 8 फीसदी पुरुष ही इसकी चपेट में आते हैं। करीब 6 फीसदी महिलाओं को सिरदर्द 15 दिन या उससे अधिक समय तक लगातार रहता है, तो वहीं पुरुषों में ये प्रतिशत मात्र 2.9 फीसदी है।

चिंता से ही जुड़ी है माइग्रेन की भी कड़ी:

2019 में ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज के एक अध्ययन में पाया गया कि पूरी दुनिया में माइग्रेन विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है और महिलाओं में विकलांगता का पहला सबसे बड़ा कारण है। इस शोध में भी तनाव और चिंता को सिरदर्द के कारणों में से एक बताया गया था। माइग्रेन की कड़ी भी चिंता और तनाव से ही जुड़ी हुई थी।

हर साल बढ़ रही समस्या:

हर साल सिरदर्द की समस्या बढ़ती ही चली जा रही है। शोधकर्ताओं के मुताबिक यूं तो इसके कई कारण हैं। लेकिन तनाव और चिंता सबसे बड़ा कारण बन कर उभर रहे हैं। सिरदर्द के मुख्य कारण मानसिक, शारीरिक, पर्यावरण और मनोवैज्ञानिक हो सकते हैं।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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