Mental Health

मुक्ताक्षर

कोरोना के बाद आभासी दुनिया में ज्यादा करीब हुए पर फिर भी युवाओं में दोगुना हुआ अकेलापन

लेखक: Admin

उपशीर्षक: ज्यादा अकेलापन मानसिक बीमारी, जैसे अवसाद और तनाव, का कारण बन सकता है। अकेलेपन से अवसाद, चिंता और तनाव तो बढ़ता ही है, नशीली चीजों का सेवन करने के मामले बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है

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एक हालिया शोध में बताया गया है कि डिजीटली आभासी दुनिया में एक-दूसरे के करीब आने के बाद भी युवाओं में अकेलापन बढ़ गया है। अमेरिका में हुए एक अध्ययन में यह चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है जो तेजी से बढ़ रहे अकेलेपन की स्थिति बयां करती है। विशेष रूप से युवाओं में यह समस्या तेजी से बढ़ी है।

कोरोना में समस्या बढ़ी:

अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना काल में अकेलेपन की स्थिति बहुत ही भयानक हो गई थी। सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के लोगों को घरों में कैद रहने पर मजबूर कर दिया था। उस दौरान आभासी दुनिया में डिजीटल संपर्क ही काम आया। युवा तो पूरी तरह से आभासी दुनिया में खोए रहते थे। इस दौरान एक-दूसरे के साथ उनका डिजिटल संपर्क और मजबूत हुआ मगर सच की दुनिया में वे और अकेले हो गए। कोरोना महामारी के बाद डिजिटल रूप से एक-दूसरे से जुड़ने के बाद भी युवाओं में अकेलापन बढ़कर दोगुना हो गया है। शोध में अकेलेपन की जो तस्वीर सामने आई है वो सोचने पर मजबूर करती है।

अकेले रहना लगने लगा है अच्छा:

कोरोना महामारी के बाद अब बहुत से लोग अकेले हो गए हैं या यूं कहें कि वो अब खुद भी अकेले ही रहना पसंद करने लगे हैं। शोध में पता चला है कि कई लोगों, खासकर युवा वर्ग, को अब अकेलापन रास आने लगा है। वो लोगों से मिलना-जुलना पसंद नहीं कर रहे।

लंबे समय तक अकेलापन खतरनाक:

शोधकर्ताओं का कहना है कि लंबे समय तक अकेले रहना किसी भी व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दुनिया में हर 5 में से 1 व्यक्ति अकेलेपन की परेशानी का सामना कर रहा है। हालांकि, सोशल मीडिया पर पहले के मुकाबले लोगों का समय ज्यादा बीत रहा है, बावजूद इसके वो अकेलेपन का शिकार है।

अमेरिकी सर्जन जनरल डॉ विवेक मूर्ति के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना से पहले ही लोग अकेलेपन से परेशान थे। 2018 में हुए एक अध्ययन में  58 फीसदी लोगों ने माना था कि वह अक्सर खुद को सामाजिक तौर पर अलग महसूस करते हैं। सामाजिक कार्यक्रमों में भी उन्हें किसी से मिलना-जुलना पसंद नहीं है।

स्वास्थ्य के लिए घातक है अकेलापन:

डॉ मूर्ति के अनुसार, ज्यादा अकेलापन भी मानसिक बीमारी, जैसे अवसाद और तनाव, का कारण बन सकता है। अकेलेपन से अवसाद, चिंता और तनाव तो बढ़ता ही है नशीली चीजों का सेवन करने के मामले बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है। अकेलेपन के कारण लोगों को हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और मनोभ्रंश जैसी बीमारियां भी हो जाती है। स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के प्रोफेसर तुरहान कैनली के मुताबिक लोगों के शरीर में कुछ ऐसे आनुवंशिक तत्व हैं जो अकेलापन महसूस होते ही सक्रिय हो जाते हैं। इनमें कैंसर, इन्फ्लेमेशन, हृदय रोग से जुड़े आनुवंशिक तत्व प्रमुख हैं।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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