Mental Health

मुक्ताक्षर

साहसिक खेल बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा कर सकता है

लेखक: Admin

उपशीर्षक: बच्चों को साहसिक खेलों के अधिक से अधिक मौके उपलब्ध कराकर उनके मानसिक स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है। लंदन के शोधकर्ताओं ने पाया है कि ऐसा करने से बच्चों में अवसाद के लक्षण कम किए जा सकते हैं।

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बच्चों को हमेशा से ही घर के बाहर खेले जाने वाले (आउटडोर) खेल खेलने के लिए प्रेरित किया जाता रहा है। लेकिन हालिया दौर में इंटरनेट और व्यस्तता के कारण ज्यादातर बच्चे घर में ही ज्यादा वक्त कैद रहते हैं। आउटडोर से ज्यादा घर के अंदर खेले जाने वाले (इंडोर) खेलों का चलन ज्यादा बढ़ गया है। लंदन के शोधकर्ताओं ने आउटडोर खेल, उनमें भी साहसिक (एडवेंचर) खेलों को लेकर एक अध्ययन किया है जिसमें साहसिक खेलों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत हितकारी बताया गया है।

शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि जो बच्चे साहसिक खेलों में ज्यादा समय देते हैं, उनमें चिंता, तनाव और अवसाद के लक्षणों का खतरा काफी कम होता है। यह अध्ययन चाइल्ड साइकियाट्री एंड ह्यूमन डेवलपमेंट नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

लॉकडाउन में भी रहे ज्यादा सकारात्मक:

शोधकर्ताओं ने 5 से 11 आयु वर्ग के बच्चों के करीब 2,500 अभिभावकों का सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण में बच्चों की दिनचर्या, खेलों को लेकर उनके रुझान, खेलों को लेकर उनकी पसंद और उनकी मनोस्थिति आदि के बारे में जानकारियां जुटाई गईं। निष्कर्ष के मुताबिक, घर से बाहर खेलने वाले 5-11 साल के बच्चों में आंतरिक समस्याएं कम होती हैं।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि ऐसे बच्चे कोरोना के समय लागू पहले लॉकडाउन के दौरान भी सकारात्मक रहे। यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर की शोधकर्ता हेलेन डोड के अनुसार, अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि हम बच्चों को साहसिक खेलों के लिए समुचित मौके मुहैया कराकर उनके मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं। उनका कहना है कि यह सचमुच सकारात्मक है और बच्चे इससे सहज अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।

प्रकृति के करीब जाना भी जरूरी

शोधकर्ताओं का मानना है कि साहसिक और बाहरी खेलों के लिए किसी विशेष कौशल की जरूरत नहीं होती, मगर अक्सर लोग स्थान नहीं है या साधन नहीं हैं कहकर टाल देते हैं। अब समय आ गया है कि हम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक स्थानों, अच्छे पार्कों, हरियाली भरा वातावरण व साहसिक खेल के मैदानों में निवेश करें। यहां मतलब केवल रुपये निवेश करने से नहीं है बल्कि ऐसी जगहों पर ज्यादा से ज्यादा जाने और खेलने-कूदने की आवश्यकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि बच्चों के अभिभावकों को भी बच्चों को लेकर मन में पले डर को बाहर निकालने के लिए साहसिक खेलों में भागीदारी करने की आवश्यकता है ताकि बच्चे उनसे सीख कर बहादुर और चिंतामुक्त बनें।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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