Mental Health

मुक्ताक्षर

कोरोना के दौरान 44 फीसदी छात्रों ने महसूस की मानसिक परेशानियां

लेखक: Admin

उपशीर्षक: कोरोना ने दर्दनाक तनाव पैदा किया है। जिसने बड़ों के साथ बच्चों को भी नहीं छोड़ा। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की नई रिपोर्ट में छात्रों को लेकर जो आंकड़े पेश किए गए हैं वो सचमुच चौंकाने वाले हैं।

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कोरोना ने जो घाव पूरी दुनिया को दिए हैं वो अब नासूर बनते जा रहे हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की रिपोर्ट की जानकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने दी। जिसमें बताया गया कि अमेरिका में कोरोना महामारी के दौरान 44 फीसदी छात्रों ने मानसिक परेशानियों को महसूस किया। कोरोना ने इन छात्रों की मानसिक क्षमता को खराब किया।

लगातार निराशा:

कई शोध बताते हैं कि कोरोना महामारी ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डाला है। सीडीसी की नई रिपोर्ट ने विशेष रूप से छात्रों पर हुए असर का पता लगाया। इस शोध के मुताबिक, साल 2021 में हाई स्कूल जाने वाले एक तिहाई से भी ज्यादा छात्रों ने महामारी के कारण मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना किया। हाई स्कूल के 44 फीसदी छात्रों ने शोधकर्ताओं को बताया कि वे पिछले एक साल के दौरान बहुत ज्यादा उदास या निराश महसूस कर रहे थे और ये लगातार हो रहा था।

भावनात्मक शोषण का अनुभव:

रिपोर्ट में कोरोना के दौरान युवाओं के समक्ष आने वाली कुछ गंभीर चुनौतियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। आंकड़ों के अनुसार, आधे से ज्यादा छात्रों ने बताया कि उन्होंने अपने घर में अभिभावक या अन्य वयस्क से भावनात्मक शोषण का अनुभव किया। वहीं एक चौथाई से ज्यादा का कहना था कि उनके घर में माता-पिता या अन्य वयस्क की नौकरी चली गई जिसका भी दिमाग पर असर पड़ा। इसके अलावा, एक तिहाई से ज्यादा छात्रों का कहना था कि उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान नस्लवाद का अनुभव किया।

एशियाई छात्रों को ज्यादा मानसिक परेशानियां:

अध्ययन में यह भी पता चला कि मानसिक परेशानियों का सामना करने वाले छात्रों में एशियाई, अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के छात्रों की संख्या अधिक थी। एशियाई, अफ्रीकी-अमेरिकी मूल  के अनेक छात्रों में इस तरह की मानसिक परेशानियों की जानकारियां सबसे अधिक सामने आयीं।

कोरोना ने दिया दर्दनाक तनाव:

जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान हाई स्कूल के छात्रों को लेकर सीडीसी का यह अध्ययन अमेरिका का पहला राष्ट्रीय प्रतिनिधि सर्वेक्षण है। सीडीसी के कार्यवाहक प्रधान उप निदेशक डेबरा होरी ने बताया कि यह आंकड़े  मदद के लिए गुहार लगाने जैसे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने दर्दनाक तनाव उत्पन्न किया है जो छात्रों की मानसिक क्षमता को भी खराब करने की क्षमता रखता है। जो आगे चलकर उनमें अवसाद और चिंता भी उत्पन्न कर सकता है। होरी ने यह भी कहा कि हमारे शोध से पता चलता है कि सही व उचित समर्थन के साथ युवा इन प्रवृत्तियों को पलट सकते हैं।

(The report is sponsored by SBI cards. Courtesy: MHFI)

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