अप्रैल- जून अंक 2024
मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करें, साथ ही व्यक्तियों को उनके मानसिक कल्याण को प्रबंधित करने और सुधारने में मदद करने के लिए नवीन समाधानों पर ध्यान दें।
तो यहाँ लेख हैं
डिजिटल दुविधा: निरंतर संपर्क कैसे मानसिक स्वास्थ्य को कमजोर कर रहा है
लेखक – ज्योति रावत
हमारे आधुनिक समाज में, डिजिटल उपकरणों के माध्यम से निरंतर संपर्क का आकर्षण जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। भारत के तेजी से डिजिटल होते परिदृश्य में, स्मार्टफोन और इंटरनेट अब विलासिता नहीं बल्कि आवश्यकताएं हैं जो...डिजिटल रसातल में खोया
लेखक- अर्शदीप
जैसा कि हम जानते हैं, डिजिटल युग हाल ही में कड़ी जांच के दायरे में रहा है। हम अक्सर एक चर्चा को सुर्खियों में देखते हैं- कितना इंटरनेट बहुत ज़्यादा इंटरनेट है? खैर, हम कुछ समय में इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि...डिजिटल रसातल में खोया हुआ: कितना बहुत है?
लेखक- फ़िज़ाह खान
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में रसातल को एक गहरी या अथाह खाई के रूप में परिभाषित किया गया है। यह हमें भले ही अजीब लगे, लेकिन यह काफी हद तक वास्तविक है, जीवन के हर पहलू का एक बड़ा हिस्सा, चाहे वह शिक्षा हो, सामाजिक जीवन हो या...दीवार पर लगे आईने में देखिए, इनमें सबसे सुंदर कौन है? सोशल मीडिया के इस्तेमाल और शारीरिक छवि के बीच के संबंध पर एक नज़र
लेखक – श्रेया सिंह
सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक कपटी हिस्सा बन गया है और आज की हाइपर-कनेक्टेड दुनिया में इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। यह हमारे जीवन के विभिन्न हिस्सों जैसे हमारे रिश्तों, विचारों, मानसिक स्वास्थ्य आदि को प्रभावित करने की...सूचना के अत्यधिक उपयोग के मनोवैज्ञानिक प्रभाव और उनसे निपटने के तरीके
लेखक- प्रतिति बनर्जी
आज के डिजिटल युग में, हम सोशल मीडिया, समाचार आउटलेट, ईमेल और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे विभिन्न स्रोतों से लगातार बहुत ज़्यादा जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। जबकि जानकारी तक पहुँच निस्संदेह फायदेमंद है, सूचना अधिभार की...डिजिटल रसातल में खोया
लेखक- मरियम
इस दुनिया में, हम सभी थोड़े खोए हुए हैं, कुछ आध्यात्मिक रूप से, कुछ तकनीकी रूप से, और कुछ सचमुच में। 21वीं सदी को सूचना प्रौद्योगिकी का युग या सिलिकॉन युग कहा जाता है, इसमें अभूतपूर्व तकनीकी नवाचार हुए हैं। जब यह तकनीकी युग शुरू...युवाओं में डिजिटल अस्वस्थता को संबोधित करना और डिजिटल कल्याण को बढ़ावा देना
लेखक- वर्तिका अरोरा
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का आगमन मानव इतिहास में जीवन बदलने वाली घटनाओं में से एक है। हमारी तेज़-तर्रार ज़िंदगी को आसान बनाने के लिए यह अपरिहार्य प्रतीत होता है, लेकिन समय के...लाइक से लेकर अकेलेपन तक: सोशल मीडिया की लत की कीमत
लेखक- सुरभि
आज का युग सोशल मीडिया का युग है। 5 साल के छोटे बच्चों से लेकर 60 साल से ज़्यादा उम्र के वयस्कों तक कोई भी इस जाल से सुरक्षित नहीं है। ज़्यादा से ज़्यादा लोगों से मान्यता पाने की चाहत लाइक पाने की चाहत का पर्याय बन गई है। इन सोशल...